मोदी के सबसे युवा मंत्री की डिग्री में गड़बड़झाला, 4 महीने के भीतर कर ली 5 साल की पढ़ाई

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रामाणिक की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल, चुनावी हलफनामे में बताया मैट्रिक पास, लोकसभा वेबसाइट के मुताबिक ग्रेजुएट हैं

Updated: Jul 10, 2021, 12:10 PM IST

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से बीजेपी सांसद निशीथ प्रामाणिक को बुधवार हुए कैबिनेट विस्तार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया है। 35 वर्षीय प्रामाणिक गृहमंत्री अमित शाह के अधीन काम करेंगे। मोदी कैबिनेट के वे सबसे युवा मंत्री है इसलिए खूब सुर्खियों में हैं। इसी बीच उनकी डिग्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, सस्पेंस इस बात को लेकर है कि वे मैट्रिक पास हैं या ग्रेजुएट हैं। 

निशीथ प्रामाणिक ने इस साल हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाया था और उनकी जीत भी हुई थी। हालांकि, लोकसभा सीट बचाने के लिए विधानसभा सदस्यता से वे इस्तीफा दे चुके हैं। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दौरान उन्होंने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता माध्यमिक परीक्षा यानी मैट्रिक लिखा। इसके अलावा उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए पर्चा भरते वक़्त भी यही जानकारी दी थी। 

हैरानी की बात यह है कि लोकसभा की वेबसाइट पर बतौर सांसद प्रामाणिक का जो प्रोफाइल है उसमें कुछ और ही जानकारी दी गई है। लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार प्रामाणिक ने बालाकुरा बेसिक स्कूल से बीसीए यानी कम्प्यूटर एप्लिकेशन में बैचलर्स किया है। अब उहापोह की स्थिति इसलिए उत्पन्न हो रही है क्योंकि बीसीए एक ग्रेजुएट डिग्री है। अमूमन माध्यमिक स्तर से बीसीए करने के लिए हायर सेकंडरी परीक्षा यानी 12वीं पास करना होता है। 

मैट्रिक से बीसीए की डिग्री के बीच कम से कम पांच साल का समय लगता है। भारत में इसके अलावा कोई शॉर्टकट का भी ऑप्शन नहीं है। चूंकि 18 मार्च 2021 को दिए हलफनामे में वे मैट्रिक पास थे ऐसे में यह सवाल लाज़िम है कि गृह राज्य मंत्री ने 4 महीने के भीतर 5 साल की पढ़ाई कैसे कर ली। खास बात यह है कि चुनावी हलफनामे में तो उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया है की वे मैट्रिक भी पास हैं या नहीं। उन्होंने सिर्फ मैट्रिक एग्जाम में शामिल होने की बात बताई है।

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कूच बिहार के पूर्व सांसद व टीएमसी नेता पार्थ प्रतिमा रॉय ने खुलासा किया है कि लोकसभा की वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल में जिस बेसिक स्कूल से BCA करने का जिक्र है वहां तो सिर्फ पांचवीं तक कि पढाई ही होती है। उन्होंने पूछा है कि बच्चों का स्कूल अंडर ग्रेजुएट डिग्री कैसे दे सकता है। इस पूरे मामले पर निशीथ ने चुप्पी साध ली है। बता दें कि खुद पीएम मोदी की डिग्री को लेकर भी इस तरह के सवाल उठते रहे हैं। मोदी ने तो एक इंटरव्यू में ये कह दिया था कि उन्होंने एंटायर पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स की है, जबकि हकीकत यह है कि भारत में इस तरह का कोई कोर्स ही नहीं है।