Digvijaya Singh: MSP पर गुमराह कर रही सरकार, किसानों के हक में अटल जी की बातें याद करें पीएम मोदी
दिग्विजय सिंह ने किसानों के पक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एक वीडियो शेयर करके प्रधानमंत्री मोदी को उसे गौर से सुनने का सुझाव दिया है

भोपाल/नई दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आज एक बार फिर उनकी समस्याओं को ज़ोरदार तरीक से उठाया है। दिग्विजय सिंह ने ट्विटर के जरिए किसान नेता गुरनाम सिंह का एक वीडियो सन्देश शेयर करते हुए बताया कि केंद्र सरकार किसानों को गुमराह करने की कोशिश में लगी है। दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चाहें तो अपने क्षेत्र में जा कर पता कर लें, किसानों का धान एमएसपी पर नहीं बिक रहा है।
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MSP पर सरकार की बातों में विरोधाभास : किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने एमएसपी के मामले में सरकारी दावों की असलियत बयान की है। किसान नेता ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के मामले में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह के बयान भी आपस में मेल नहीं खाते। एक तरफ कृषि मंत्री कहते हैं कि किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी, तो दूसरी तरफ अमित शाह कहते हैं कि सरकार किसानों की सारी फसल एमएसपी पर नहीं खरीद सकती।
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भारतीय किसान यूनियन ( चढूनी गुट ) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने 8 दिसंबर की शाम गृह मंत्री अमित शाह के साथ किसान नेताओं की बैठक का हवाला देते हुए कहा है कि कृषि मंत्री और सरकार के अन्य मंत्री बार बार यह बयान दे रहे हैं कि सरकार किसानों से एमएसपी पर ही फसल खरीदेगी। इनके बयान सुनसुन कर हमारे कान पक गए हैं। लेकिन जब 8 तारीख की मीटिंग में जब मैंने गृह मंत्री अमित शाह से यह पूछा था कि, 'अमित शाह जी आप यह बताइए कि आप 23 फसलों को पूरे देश से एमएसपी पर खरीदने के लिए तैयार हो ? इस पर उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया था कि नहीं खरीद सकते, सरकार पर 17 लाख करोड़ का भार पड़ता है।' गुरनाम सिंह ने कहा कि अमित शाह के ऐसा कहने पर मैंने उनसे कहा कि 17 लाख करोड़ तो कुल कीमत है आप तो इन्हें बेचेंगे भी। सरकार को ज़्यादा से ज़्यादा दो लाख या तीन लाख करोड़ का घाटा होगा। इतना तो आप बर्दाश्त कर ही सकते हैं। लेकिन अमित शाह ने साफ़ तौर पर मना कर दिया। लेकिन आज फिर कृषि मंत्री मीडिया में बैठकर यह बयान दे रहे हैं कि हम एमएसपी जारी रखेंगे।
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आज भी किसान का धान MSP पर नहीं बिक रहा। कृषि मंत्री जी अपने गृह ज़िले की मंडी में जा कर तो पता लगा लें। #झूठों_का_बादशाह_नरेंद्र_मोदी#किसान_एकता_जिंदाबाद https://t.co/hwX1uWLRU8
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 15, 2020
गुरनाम सिंह ने आगे कहा कि सरकार बस गुमराह कर रही है। ये लोग उतनी ही फसल खरीदेंगे जितनी पहले ख़रीदते थे। और जितनी खरीदते थे उसमें हमारा गुज़ारा नहीं है। अबकी बार मक्का आया, बिहार में 800 रुपए की कीमत पर बिका, हरियाणा में 1000-1100 रुपए बिका। अगर ये एमएसपी पर बिकता तो एक एकड़ में 20 हज़ार रुपए और मिलते। गुरनाम सिंह ने आगे कहा कि सरकार हरियाणा और पंजाब में धान और गेहूं ही तो खरीद रही है। पूरे देश में तो खरीद नहीं रहे ? बिहार और यूपी जैसे राज्यों में तो नहीं खरीद रहे ? ये बस देश को गुमराह कर रहे हैं। ये लोग बस उतना ही खरीदेंगे जितना इन्हें पीडीएस ( सार्वजनिक वितरण प्रणाली ) में बांटना है। ये केवल उतना ही एमएसपी पर खरीदेंगे। ये एमएसपी घोषित कर देंगे लेकिन खरीदेंगे नहीं जो खुद अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है।
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अटल जी के विचारों को ज़रूर सुनें प्रधानमंत्री मोदी : दिग्विजय सिंह
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किसानों के बारे में दिए गए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक पुराने भाषण का वीडियो भी साझा किया है। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि उन्हें किसानों के पक्ष में दिए गए अटल जी के भाषण को अवश्य सुनना चाहिए।
https://t.co/YlFcuzandF
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 15, 2020
मोदी जी, अटल जी के किसानों के पक्ष में विचार अवश्य सुनें। #किसान_विरोधी_कानून_वापस_लो
इस वीडियो में अटल बिहारी वाजपेयी ने किसानों की दुर्दशा का ज़िक्र किया है। वाजपेयी कह रहे हैं कि कपास के किसान परेशान हैं लेकिन बाज़ार में कपड़ों की कीमत तीन गुनी तक बढ़ गई है। जूट का दाम तो सरकार ने ऐसा तय किया है कि जो लागत से भी कम है। छोटे किसान अपने घर में फसल रोककर नहीं रख सकते इसलिए उन्हें औने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं। किसानों का शोषण किया जाता है। जिसकी वजह से देश भर के किसान परेशान हैं। हम किसानों के आंदोलन के ज़रिए राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन हम किसानों की समुचित मांग का समर्थन करते हैं।
दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले बुजुर्ग किसान शहीद सरदार हाकम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग भी की है।