देश को भरोसे में लेने की जरूरत, चीनी सेना से झड़प पर बोले मल्लिकार्जुन खड़गे

चीनी सैनिकों की घुसपैठ के मामले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को विपक्ष इस मसले को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में भी उठा सकता है।

Updated: Dec 13, 2022, 02:59 AM IST

नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में झड़प का मामला तूल पकड़ रहा है। कांग्रेस ने चीनी घुसपैठ पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश को भरोसे में लेने की जरूरत है। 

मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक ट्वीट में लिखा कि, 'फिर से हमारे भारतीय सेना के जवानों को चीनियों ने भड़काया है। हमारे जवानों ने डटकर मुकाबला किया और उनमें से कुछ घायल भी हुए हैं। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे। लेकिन मोदी सरकार अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होना चाहिए। सरकार को संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करके देश को भरोसे में लेने की जरूरत है। हम अपने सैनिकों के शौर्य और बलिदान के सदैव ऋणी रहेंगे।'

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इससे पहले कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा कि, 'वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।' कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि, 'भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। सीमा पर चीन की हरकतें किसी भी तरह से स्वीकार नहीं की जाएंगी। बीते दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इसी कारण चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।'

बता दें कि बीते 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में दोनों पक्षों के जवान घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि तवांग के याग्त्से एरिया में चीनी सैनिक भारतीय सेना की चौकी को हटाना चाहते थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब देते हुए उन्हें खदेड़ दिया। मामला सामने आने के बाद विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। माना जा रहा है कि विपक्ष आज संसद में भी इस मुद्दे को उठाएगा।