मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला, हेमंत नगराले लेंगे उनकी जगह

परमबीर सिंह को अब डीजी होमगार्ड की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनके तबादले के लिए मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले में पुलिस अधिकारी सचिव वाजे की संलिप्तता को ज़िम्मेदार माना जा रहा है

Updated: Mar 17, 2021, 01:34 PM IST

photo courtesy: news18
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मुंबई। महाराष्ट्र के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया है। उनकी जगह हेमंत नगराले को मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। परमबीर सिंह को होमगार्ड का डीजी बनाया गया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देश मुख ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। 1988 बैच के आईपीएस परमबीर सिंह ने 29 फरवरी2020 को आईपीएस अधिकारी संजय बरबे की जगह कमिश्नर पद की जिम्मेदारी संभाली थी।

मंगलवार की रात को परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। दो घंटे चली बैठक में गृहमंत्री अनिल देशमुख भी शामिल हुए थे। देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे का नाम आने के बाद से ही मुंबई पुलिस निशाने पर थी। माना जा रहा है कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर पर इसी मामले की गाज गिरी है। 

1987 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले को पुलिस महकमे का लंबा अनुभव है। नगराले 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले में अहम गवाह भी रहे हैं। जिस वक्त मुंबई में हमला हुआ वे एमएसईडीसीएल में डेप्यूटेशन पर थे, उसके बावजूद उन्होंने अपने घर से निकलकर पीड़ितों की मदद की और घायलों व मृतकों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया। नगराले को उनकी बेहतरीन सेवा के लिए प्रसिडेंट पुलिस मेडल से नवाजा जा चुका है। 

हेमंत नगराले मार्च 1998 से सितंबर 2002 तक डेप्यूटेशन पर सीबीआई में भी रह चुके हैं। जिन चर्चित मामलों की जांच उनकी निगरानी में हुई है, उनमें 130 करोड़ का बैंक ऑफ इंडिया केस, केतन पारेख स्कैम, 1800 करोड़ का माधवपुरा को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम और हर्षद मेहता केस शामिल हैं।

नगराले ने बीई मैकेनिकल की पढ़ाई वीआरसीई नागपुर से की और इसके बाद मुंबई से मास्टर ऑफ फाइनेंस किया है। नगराले को उनकी बेहतरीन सेवा के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल के अलावा विशेष सेवा पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से नवाजा जा चुका है। हेमंत नगराले नक्सल प्रभावित चांदीपुर में एएसपी रह चुके हैं। इसके अलावा सोलापुर में नया कमिश्नरेट बनवाने में उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद हुए साम्प्रदायिक दंगों के दौरान सोलापुर सिटी में शांति व्यवस्था बनाए रखने में अच्छा काम किया था