सरकार तय करेगी आपको किस कंपनी की वैक्सीन लगेगी, लोगों के पास नहीं होगा टीका चुनने का विकल्प

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने दिया संकेत, वैक्सीन लगवाने वालों के पास दोनों में किसी एक को चुनने का विकल्प नहीं, भारत सरकार के पास दो तरह की वैक्सीन मौजूद हैं, जिनमें एक ऑक्सफोर्ड आस्ट्राजेनेका ने और दूसरी भारत बायोटेक ने बनाई है

Updated: Jan 13, 2021, 01:51 PM IST

Photo Courtesy : Jagran
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नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई का निर्णायक क्षण आ गया है। शनिवार से देशभर में कोरोना का टीकाकरण अभियान प्रारंभ हो जाएगा। इसी बीच केंद्र सरकार ने अब संकेत दिया है कि लोगों को यह विकल्प नहीं दिया जाएगा कि उन्हें किस कंपनी की वैक्सीन लगवानी है। किस कंपनी की वैक्सीन किसे लगाई जाएगी, इसका फैसला उसकी उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण अभियान से जुड़े लोग ही करेंगे। हालांकि AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया पहले एक बार कह चुके हैं कि उनके हिसाब से शुरुआत में ऑक्सफोर्ड आस्ट्राजेनेका की सीरम इंस्टीट्यूट में बनी वैक्सीन 'कोविशील्ड' वैक्सीन ही दी जानी चाहिए और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का इस्तेमाल बैकअप के तौर पर किया जाना चाहिए। 

सरकार ने मंगलवार को संकेत दिया कि कोविड-19 का टीका लेने वालों को मौजूदा आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूर टीकों में से अपनी पसंद का विकल्प चुनने का मौका नहीं मिलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'विश्व में कई जगहों पर एक से ज्यादा टीके इस्तेमाल हो रहे हैं लेकिन वर्तमान में किसी भी देश में टीका लेने वालों को अपनी पसंद का विकल्प चुनने का मौका नहीं दिया जा रहा है।'

भूषण ने आगे कहा कि मंगलवार दोपहर तक निर्धारित राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय भंडारण केंद्र तक कोविड-19 टीके की 54.72 लाख खुराक पहुंचा दी गयी है। वहीं 14 जनवरी तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 1.1 करोड़ और भारत बायोटेक से 55 लाख खुराक मिल जाएगी। उन्होंने कहा, '28 दिन के अंतराल पर टीके की दूसरी खुराक दी जाएगी और इसका असर 14 दिनों के बाद दिखेगा। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रखें।'

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गौरतलब है कि देश में दो तरह के वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है जिनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक का 'कोवैक्सीन' टीका शामिल है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है, जबकि उसका प्रोडक्शन भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है। वहीं कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक ने विकसित किया है और उसका प्रोडक्शन भी कंपनी खुद ही कर रही है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में  भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन के परीक्षण को लेकर काफी विवाद हो चुका है।