BJP शासित UP में गोवंशों की दुर्दशा: ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक पर गायों को दौड़ाया, ट्रेन से कटकर 11 की मौत

उत्तर प्रदेश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद गोवंशों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, वहीं गौशाला नहीं होने से गोवंश किसानों की फसल बर्बाद कर रहे, इसी वजह से परेशान होकर ग्रामीणों ने ये क्रूर कदम उठाया।

Updated: Feb 12, 2023, 08:44 AM IST

लखनऊ। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में गोवंशों की दुर्दशा की खबरें लगातार सामने आ रही है। इसी क्रम में संभल जिले से पशु क्रूरता की दिल दहलाने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां आवारा पशुओं को रेलवे ट्रैक पर दौड़ाया गया जिससे 11 गायों के ट्रेन से कटकर मौत हो गई। जबकि बड़ी संख्या में गायों के घायल होने की है। हैरानी की बात ये है कि गाय को लेकर राजनीति करने वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है।

मामला संभाल जिले के बहजोई थाना क्षेत्र अंतर्गत लहरावन गांव का है। बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह नाराज किसानों ने मवेशियों की झुंड को कथित तौर पर ट्रैक पर दौड़ाया। करीब तीन दर्जन आवारा गौवंशों का झुंड ट्रैक पर दौड़ रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार 14113 देहरादून एक्सप्रेस आ गई। उसने मवेशियों को कुचल दिया। इस हादसे में 11 गायों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

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ट्रेन की गायों के झुंड से टक्कर के बाद गाड़ी को रोका गया। घटना के एक घंटे के बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया जा सका। स्थानीय लोगों ने कहा कि गायें खेतों में फसलों को नष्ट कर रही थीं। किसानों ने शायद गुस्से में उन्हें ट्रैक पर दौड़ाया। आवारा मवेशियों के खतरे को लेकर क्षेत्र के किसानों की ओर से कई बार शिकायत की गई है। हालांकि, आवारा मवेशियों के लिए आश्रय स्थल नहीं होने के कारण ये बाहर घूमते रहते हैं। अक्सर फसल के खेतों में चरते हैं। 

खुद को गोरक्षक बताने वाले अजय प्रजापति ने मीडिया से कहा कि पिछले दो महीनों में इस क्षेत्र से इस तरह की एक दर्जन से अधिक घटनाओं की सूचना मिली है। रेलवे पटरियों पर दौड़ाए जाने से लगातार गायों की मौत हो रही है। एसडीएम रामकेश धामा ने भी स्वीकारा कि एक पखवाड़े में इस गांव के पास इस तरह की यह तीसरी घटना है। आश्रय गृह को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी निर्माणाधीन है, लेकिन जल्द ही इसे पूरा कराया जाएगा। उसके बाद सभी आवारा मवेशियों को आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

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इससे पहले जुनावाई इलाके में स्थानीय लोगों की ओर से आवारा पशुओं को एक व्यस्त सड़क की ओर धकेल कर स्टेट हाइवे को जाम कर दिया गया था। दरअसल, राज्य में गोहत्या पर प्रतिबंध लागू है। जिसके तहत गोहत्या करने पर आरोपी के खिलाफ सजा का प्रावधान है। ऐसे में राज्य में गोवंशों की बेतहाशा वृद्धि हुई है। चूंकि गायों के रहने के लिए आश्रय गृह नहीं है इसलिए वे बाहर धक्के खाने को मजबूर हैं। खेत में जाते हैं तो किसानों का नुकसान होता है और वे क्रूरता पर उतर आते हैं।

राज्य में आवश्यक हजारों आश्रय गृह स्थापित करने की आवश्कता है। लेकिन सत्ताधारी दल ने चुना बाद इसे मुद्दे को भुला दिया है। इससे स्पष्ट है कि बीजेपी के लिए गाय सिर्फ राजनीति का विषय, जब बात गोवंश के संरक्षण और संवर्धन की आती है तो वे मुंह फेर लेते हैं।
आज BJP की शासन में गौमाता भूख और प्यास से मर रहीं हैं। सड़कों पर धक्के खाने को मजबूर हैं। लेकिन गाय को लेकर दंगा करने वाली संगठनों में भी कोई आक्रोश नहीं देखा गया। स्पष्ट है कि जिन दंगाइयों में इंसानों के जीवन को लेकर कोई संवेदना नहीं है वे गाय को लेकर संवेदनशील कैसे हो सकते हैं।'