PM Modi : नई शिक्षा नीति देश को बनाएगी महाशक्ति

New Education Policy: नई शिक्षा नीति भारत की नींव रखेगी, इससे भेड़चाल खत्म होगी

Updated: Aug 08, 2020, 04:01 AM IST

courtsey : ANI
courtsey : ANI

नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (7 अगस्त) को नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को लेकर देशवासियों को संबोधित किया। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में हुए बड़े बदलाव के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का देशवासियों को इस मुद्दे पर पहला संबोधन है। इस कार्यक्रम का नाम कॉन्क्लेव ऑन ट्रांसफॉर्मेशन रिफॉर्म्स इन हायर एजुकेशन अंडर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी था। इस दौरान पीएम ने कहा की एनईपी भारत को महाशक्ति बनाएगी और यह भेड़चाल को खत्म कर नए भारत की नींव रखेगी। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से NEP पर आयोजित इस कॉन्क्लेव में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, यूजीसी के अध्यक्ष, भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, यूजीसी सचिव, कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक, ड्राफ्ट राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समिति के सदस्य व शिक्षा जगत से जुड़े अन्य गणमान्य लोग शामिल हैं। यह कॉन्क्लेव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और शिक्षा मंत्रालय द्वारा उच्च राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार सम्मेलन के तौर पर आयोजित किया जा रहा है।

लंबे मंथन के बाद NEP को मिली स्वीकृति

कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा कि एनईपी को लेकर जितनी ज्यादा जानकारी स्पष्ट होगी फिर उतना ही आसान इसे लागू करना भी होगा। उन्होंने कहा, 'इसे 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद, लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद स्वीकृत किया गया है। आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपना मत रख रहे हैं, इसका रिव्यु कर रहे हैं। ये एक हेल्दी डिबेट है, यह जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा। ये भी खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से यह बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का बायस है, या किसी एक ओर झुकी हुई है।'

NEP लागू करने को लेकर मैं पूरी तरह से कमिटेड

मोदी ने इस दौरान कह की इसे लागू करना एक चुनौती है जिसमें आपसब की भूमिका ज्यादा अहम है। जहां तक पॉलिटिकल विल की बात है तो मैं इसे लागू करने को लेकर पूरी तरह से कमिटेड हूं। उन्होंने आगे कहा कि, 'बीते अनेक वर्षों से हमारे एजुकेशन सिस्टम में बड़े बदलाव नहीं हुए थे। नतीजतन हमारे समाज में जिज्ञासा और कल्पना की वैल्यूज को प्रमोट करने के बजाय भेड़ चाल को प्रोत्साहन मिलने लगा था। हमारे छात्रों में, हमारे युवाओं में क्रिटिकल और नई योग्यता विकसित कैसे हो सकती है, जबतक हमारी शिक्षा में पैसन ना हो, फिलॉसफी ऑफ एजुकेशन ना हो, परपस ऑफ एजुकेशन ना हो। इसलिए भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाना बेहद जरूरी था। स्कूली शिक्षा के 10+2 स्ट्रक्चर से आगे बढ़कर अब 5+3+3+4 का structure देना, इसी दिशा में एक कदम है।'

'व्हाट टू थिंक' के बदले 'हाऊ टू थिंक'

मोदी ने इस दौरान कहा कि आज के जमाने मे इन्फॉर्मेशन और कंटेंट की कोई कमी नहीं है। ऐसे में अबतक हमारे यहां जो 'व्हाट टू थिंक' पर फोकस दिया जा रहा था उसे बदलकर अब 'हाऊ टू थिंक' पर जोर दिया जाएगा। हमारी कोशिश है कि अब बच्चों को सीखने के लिए Inquiry-based, Discovery-based, Discussion based, और analysis based तरीकों पर जोर दिया जाए। इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनका Participation भी बढ़ेगा। उच्च शिक्षा को स्ट्रीम्स से मुक्त करने, multiple entry और Exit, Credit Bank के पीछे यही सोच है। हम उस युग की तरफ बढ़ रहे हैं जहां कोई व्यक्ति जीवन भर किसी एक प्रोफेशन में ही नहीं टिका रहेगा। इसके लिए उसे निरंतर खुद को re-skill और up-skill करते रहना होगा।

भारत के भविष्य के लिए महायज्ञ है NEP

पीएम ने इस दौरान नई शिक्षा नीति को भारत के वर्तमान और भविष्य के लिए एक महायज्ञ बताया है। उन्होंने कहा है कि इस नीति को अमल में लाने के लिए हमें एकसाथ मिलकर काम करना होगा। इसके लिए भारतीय टैलेंट्स को भारत मे ही रहकर आने वाली पीढ़ियों के विकास के लिए अपना योगदान देना होगा। 21 वीं सदी के भारत से दुनिया को बहुत अपेक्षाएं हैं। भारत का सामर्थ्य है कि वो टैलेंट और टेक्नोलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है और हमारी इस जिम्मेदारी को की भी हमारी शिक्षा नीति एड्रेस करती है। जब यह रिफॉर्म्स रिफ्लेक्ट होंगे तभी इस नीति को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।