प्रज्ञा ठाकुर सांसद बने रहने के लायक नहीं, 100 से अधिक पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने लोकसभा स्पीकर को लिखा पत्र

बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के कर्नाटक में दिए भड़काऊ बयान को लेकर 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने खुला खत लिखा है। उन्होंने खत में लिखा है कि प्रज्ञा ठाकुर ने संसद का सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो दिया है।

Updated: Jan 08, 2023, 09:26 AM IST

नई दिल्ली। देश के 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने ‘भड़काऊ भाषण’ देने के लिए भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पूर्व नौकरशाहों ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर कहा है कि प्रज्ञा ठाकुर सांसद सदस्य बने रहने के लायक नहीं है।

दरअसल, कर्नाटक के शिवमोगा में एक सम्मेलन में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भीड़ को अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भड़काते हुए हथियार रखने की अपील की थी। प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान के बाद वह विपक्षी दलों के भी निशाने पर आ गईं थीं और उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज हुई थी। अब देश के प्रमुख पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने प्रज्ञा ठाकुर द्वारा दिए गए हेट स्पीच की आलोचना करते हुए कार्रवाई की मांग की है।

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लोकसभा स्पीकर को संबोधित पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने लिखा है कि, 'अपने भड़काऊ शब्दों से प्रज्ञा ठाकुर ने न केवल भारतीय दंड संहिता के तहत कई अपराध किए हैं, बल्कि उन्होंने भारत के संविधान को बनाए रखने के लिए संसद सदस्य के रूप में ली गई शपथ का भी उल्लंघन किया है। जो जीवन और स्वतंत्रता के अधिकारों पर आधारित है जैसे धर्मनिरपेक्षता, समानता और बंधुत्व।'

पत्र में कुछ नागरिक समाज संगठनों द्वारा एक याचिका का भी उल्लेख किया गया है जिसमें लोकसभा अध्यक्ष से उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है, 'हम भी दृढ़ता से मानते हैं कि लोकसभा के नियमों के अनुसार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ठाकुर ने बार-बार ‘भड़काऊ भाषण देने और नफरत फैलाने’ के चलते संसद सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो दिया है।'

पत्र में कहा गया, ‘संसद के सदनों पर एक विशेष जिम्मेदारी होती है, जो देश के लिए कानून बनाते हैं। निश्चित रूप से इसके सदस्यों को संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसलिए, हम लोकसभा के माननीय अध्यक्ष से आग्रह करते हैं कि इस मामले को उचित कार्रवाई के लिए लोकसभा की आचार समिति को तत्काल भेजें।'

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पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 103 लोगों में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी ए.एस. दुलत, जूलियो रिबेरो और अमिताभ माथुर तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी टी.के.ए. नायर और के. सुजाता राव जैसे दिग्गज ब्यूरोक्रेट्स शामिल हैं।