कोरोना काल में भी जगाए रखें स्वच्छता की अलख, प्रधानमंत्री ने मन की बात में की इंदौर की तारीफ
पीएम ने कहा कि देश के युवा स्टार्टअप का जोखिम उठाने को तैयार हैं, वे पारिवारिक परंपराओं से हटकर स्टार्ट-अप की ओर अग्रसर हैं
दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि सफाई के बारे में इंदौर की जनता ने एक नया नजरिया विकसित किया है, जिससे दूसरे शहरों को प्रेरणा लेनी चाहिए। अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात में उन्होंने इंदौर के सफाई अभियान की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि क्लीन सिटी की लिस्ट में लगातार तीन साल से बादशाहत के बाद अब इंदौर वाटर प्लस शहर बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वाटर प्लस सिटी याने एक ऐसा शहर जहां बिना ट्रीटमेंट के किसी भी तरह का सीवेज किसी सार्वजनिक जल स्त्रोत में नहीं छोड़ा जाता। उन्होंने सरस्वती और कान्ह नदियों में गिरने वाले गंदे पानी की कमी की सराहना की।
हॉकी में ओलंपिक मेडल जीतने का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में हॉकी टीम द्वारा ओलंपिक में ब्रांस मेडल जीतने का भी जिक्र किया। उन्होंने भारतीय टीम की तारीफ करते हुए कहा कि भारत को चालीस साल बाद ओलंपिक में कोई तमगा हासिल किया है। इस समय मेजर ध्यानचंद जहां भी होंगे वहां उनकी आत्मा खुशी से प्रसन्न हो रही होगी। उन्होंने कहा कि खेल, खेल-कूद, स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्समैन स्प्रिट अब रुकना नहीं है। इसे पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में स्थायी बनाना है।
Need of the hour is to give importance to skill development. #MannKiBaat pic.twitter.com/pezVk3Y3NU
— PMO India (@PMOIndia) August 29, 2021
छोटे शहरों में स्टार्टअप कल्चर के विस्तार पर जताई खुशी
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने युवाओं की तारीफ करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी परंपरागत काम से हटकर कुछ नया करने को तैयार है। युवा पीढ़ी जीवन में जोखिम लेने का माद्दा रखती है, वह अपनी पारिवारिक परम्पराओं से हटकर स्टार्ट-अप की ओर अग्रसर हैं। स्पेस सेक्टर को खोलने के बाद कई युवा उसमें रुचि लेकर आगे आए। वहीं भारतीय खिलौनों के बारे में उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं ने मन में ठान लिया कि कैसे दुनिया में भारत के खिलौनों की पहचान बनानी है। देश की यंग जेनेरेशन अब नए-नए प्रयोग कर रही है। अब देसी खिलौने बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
रविवार को मन की बात की 80वीं कड़ी का प्रसारण किया गया। प्रधानमंत्री अपने रेडियो संबोधन मन की बात में हर महीने के आखिरी रविवार देश की जनता को संबोधित करते हैं। इसके शामिल किए जाने वाले विषयों पर अक्सर लोगों से सुझाव मांगा जाता है।