प्रियंका गांधी ने असम के चाय बागान में तोड़ी पत्तियां, महिला मजदूरों का जाना हाल चाल
असम में प्रियंका गांधी का दिखा अलग अंदाज, महिलाओं के साथ माथे पर टोकरी टांगकर तोड़ीं चाय की पत्तियां, मजदूरों से मिलकर बोलीं उनका जीवन सच्चाई और सादगी की मिसाल है

तेजपुर। असम के तेजपुर स्थित एक चाय बागान का नज़ारा आज कुछ बदला हुआ नज़र आया। यहां बागान में मजदूरों का हालचाल जानने कांग्रेस महासचिव प्रियकां गांधी पहुंची। मंगलवार को उन्होंने मजदूरों के साथ पारंपरिक तरीके से माथे पर टोकरी टांगकर चाय की पत्तियां भी तोड़ीं। इस दौरान वे चाय पत्ती तोड़ने की बारीकियां समझती नजर आईं।
प्रियंका अपने असम दौरे के दूसरे दिन सधुरू टी एस्टेट पहुंची थीं। चाय बागान में उन्होंने मजदूरों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी जानीं।
Smt. @priyankagandhi learns the intricacies of tea leaf plucking directly from the women tea workers at Sadhuru tea garden, Assam.#AssamWithPriyankaGandhi pic.twitter.com/605Kuah2UL
— Congress (@INCIndia) March 2, 2021
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पारंपरिक तरीके से सिर से टोकरी बांधकर पत्तियां तोड़ती नजर आईं।
इसके बाद वे यहां की एक मजदूर के घर भी पहुंची। वहां उन्होंने मजदूर के बच्चे को गोद में लेकर दुलारा। वहीं तेजपुर में प्रियंका ने एक मजदूर के घर खाना भी खाया।
इस दौरान प्रियंका ने कहा कि चाय बागानों के मजदूरों के डर और सपनों को समझना उनकी प्राथमिकता है। प्रियंका ने कहा कि मजदूरों का जीवन सच्चाई और सादगी की मिसाल है।
उनकी मेहनत देश के लिए अनमोल है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि चाय बागान के मजदूरों के साथ बैठकर उनके बारे में जाना, उनके कामकाज और परिवार का हालचाल जाना। उन्होंने लिखा है कि चाय बागान में काम करने वाली महिलाओं के जीवन की कठिनाइयों को महसूस किया।
सोमवार को भी वे असम में ही थीं, इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि असम की बहुरंगी संस्कृति ही यहां शक्ति है। यहां के लोगों से मिलकर अहसास हुआ कि लोग इस बहुरंगी संस्कृति को बचाने के लिए वे पूरी शिद्दत से तैयार हैं। सोमवार को प्रियंका ने असम के कामाख्या देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। कल भी वे अगल अंदाज नजर आई थीं, उन्होंने आदिवासियों के साथ ट्राइबल डांस किया था।
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असम में 27 मार्च से विधानसभा चुनाव होने है, तीन चरणों में होने वाले चुनाव की तैयारी में कांग्रेस जुटी है। प्रियंका की दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी रही हों या उनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी, दोनों ने ही प्रधानमंत्री के तौर पर देश का नेतृत्व किया। लेकिन सत्ता के शीर्ष पर रहते हुए भी देश की आम जनता के दुख-दर्द से खुद को जोड़ने और उनके बीच जाकर घुल-मिल जाने का कोई मौका वे नहीं गंवाते थे। दोनों ही पूर्व प्रधानमंत्री लोगों से मिलने-जुलने के लिए प्रोटोकाल की भी परवाह नहीं करते थे। स्वर्गीय राजीव गांधी के बारे में कहा जाता है कि वे जनता का हाल जानने के लिए कई बार खुद अपनी गाड़ी चलाकर लोगों से मिलने चले जाते थे। प्रियंका के अंदाज़ में भी लोगों को देश के इन महान नेताओं की झलक नज़र आती है।