Agricultural Acts: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में बिल पेश, अकाली दल, AAP कर रहे अड़ंगेबाजी
Punjab Politics: अकाली दल और AAP ने केंद्रीय कृषि कानूनों संसद में विरोध किया था, लेकिन पंजाब में इन कानूनों के खिलाफ बिल पारित करने में डाल रहे अड़ंगा

चंडीगढ़। अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार के लाए कृषि कानूनों का संसद में विरोध किया, लेकिन पंजाब की कांग्रेस सरकार जब इन केंद्रीय कानूनों को बेअसर करने के लिए बिल लेकर आई तो ये दोनों ही पार्टियां उसे पारित करने में रुकावट डाल रही हैं। पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने केंद्रीय कानूनों के विरोध में बाकायदा राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया, ताकि कांग्रेस के संकल्प के अनुरूप किसानों के हक में बिल पारित किया जा सके। लेकिन अकाली दल और आप के हंगामे के चलते सत्र स्थगित करना पड़ा।
अकाली दल और आप ने ये कहते हुए हंगामा किया कि हमें कृषि कानूनों के विरोध में लाए जा रहे बिल की कॉपी नहीं दी गई है। इसलिए वो पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
आपको बता दे सोमवार को सदन की शुरुआत शहीदों को श्रद्धांजलि देने से हुई। जिसके बाद विपक्षी दलों ने बिल की कॉपी मांगी। सरकार ने उन्हें शाम 5 बजे तक बिल की कॉपी देने की बात कही। लेकिन आप और अकाली दल के विधायक नहीं माने और जमकर हंगामा शुरू कर दिया। जबकि पंजाब सरकार ने इस मामले में अपना रुख शुरू से साफ रखा है कि वो इस मसले पर पूरी तरह से किसानों के साथ है और केंद्रीय कानूनों को बेअसर करके उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्विटर पर भी यही बात लिखकर अपनी स्थिति साफ की है।
Reached Vidhan Sabha for the crucial Special Session beginning today. We meet to discuss and debate steps to save Punjab’s farming and safeguard our interests from Centre’s Anti-Farmer Laws. pic.twitter.com/6POQ2uEteg
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 19, 2020
लेकिन अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया सदन से निकल कर सड़क के बीच ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने कांग्रेस पर बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप तक लगा डाला। जबकि खुद अकाली दल दशकों से बीजेपी का सहयोगी रहा है। वहीं दूसरी ओर आप के विधायक सदन स्थगित होने के बाद विधानसभा के बाहर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए। हैरानी की बात ये है कि जब पंजाब सरकार ने विशेष सत्र बुलाया तो उन्होंने हंगामा करके कार्यवाही चलने नहीं दी और फिर कार्यवाही स्थगित होने पर धरना देने लगे।
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ बिल लाने वाला पहला राज्य
पंजाब सरकार अगर केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बिल पास करा लेती तो पंजाब ऐसा करने वाला पहला राज्य बन जाता। पंजाब सरकार अब भी ऐसा बिल लाने वाली देश की पहली राज्य सरकार है।