Raghuram Rajan: सरकार ने कदम नहीं उठाए तो अर्थव्यवस्था गर्त में होगी

India's GDP: राजन ने कहा जीडीपी के आंकड़े चेतावनी देने वाले, भविष्य के लिए पैसे बचाकर रखना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा

Updated: Sep 08, 2020, 04:15 AM IST

Photo Courtesy: Barron's
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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और जाने माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था में आई ऐतिहासिक गिरावट पर गंभीर चिंता जताई है और सरकार से तुरंत बड़े कदम उठाने की अपील की है। एक लेख में राजन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में आई 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट चेतावनी देने वाली है और संशोधित आंकड़े आने पर आर्थिक वृद्धि और प्रभावित हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की आर्थिक वृद्ध दर में आई गिरावट दुनिया में सर्वाधिक रही। 

राजन ने कहा कि जब तक महामारी पर नियंत्रण नहीं पा लिया जाता, तब तक भारतीय कम खर्च ही करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से मुफ्त अनाज और क्रेडिट गारंटी के आधार पर की गई कर्ज की घोषणा पर्याप्त नहीं है और सरकार को अधिक वित्तीय सहायता देने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई आर्थिक पैकेज देने के लिए स्रोतों को बचाकर रखना, खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर होगा। 

राजन ने अपने लेख में रेखांकित किया अगर मध्यमवर्ग को सहायता नहीं मिलती है, तो वो अपने खर्च में और कटौती कर सकता है। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों में मजदूरों को मिलने वाला मेहनताना बंद हो सकता है। कर्ज बढ़ता जाएगा और हो सकता है कि सहायता ना मिलने पर उद्योग बंद करने की नौबत आ जाए। 

राजन ने अपने लेख में ब्राजील का उदाहरण दिया, जिसने वित्तीय सहायता के लिए खूब खर्च किया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी बड़े वित्तीय पैकेज के अर्थव्यवस्था के वृद्धि करने की संभावनाएं गंभीर रूप से खतरे में पड़ जाएंगी। 

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उन्होंने उन सरकारी अधिकारियों को भी सावधानीपूर्वक स्थिति का आकलन करने की सलाह दी, जो लगातार यह कह रहे हैं कि भारत 'V' आकार के रिकवरी रास्ते पर है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को अगर पटरी पर लाना है तो सरकार को अपना खर्च बढ़ाना होगा और आम लोगों को नकद पैसे देने होंगे।