विशेष राज्य के दर्जे पर पहला हक़ राजस्थान का, शपथग्रहण से पहले अशोक गहलोत ने की पीएम मोदी से मांग
अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में पानी की अनुपलब्धता का संकट है। राज्य में गांवों के बीच लंबी दूरियों की वजह से सर्विसों की डिलीवरी आसान नहीं है और इस पर भारी व्यय होता है। इसलिए राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।

जयपुर। बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की अटकलों के बीच अब राजस्थान से भी मांग उठने लगी है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सबसे पहले राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि राज्य में पानी का संकट है। इसलिए विशेष राज्य के दर्जे पर राजस्थान का पहला है।
पूर्व सीएम गहलोत ने पीएम मोदी से मांग करते हुए एक ट्विटर पोस्ट में लिखा है कि मीडिया की खबरों से लगता है कि इस सरकार की स्थिति कमजोर होने के कारण बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलने वाला है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे या केन्द्र सरकार के विशेष ध्यान की सबसे पहली आवश्यकता राजस्थान को है क्योंकि हमारा राज्य सबसे बड़ा रेगिस्तानी राज्य है। पूरे राज्य में केवल एक छोटे से हिस्से में सालभर बहने वाली नदी है और भौगोलिक स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं। राजस्थान का क्षेत्रफल देश का 10% है परन्तु पानी केवल 1% ही है।'
कल श्री @narendramodi प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ लेंगे। मीडिया की खबरों से लगता है कि इस सरकार की स्थिति कमजोर होने के कारण बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलने वाला है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 8, 2024
मैं आपको बताना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे या केन्द्र सरकार के विशेष ध्यान की सबसे पहली…
गहलोत ने आगे लिखा है कि हमारे यहां गांवों के बीच दूरी इतनी ज्यादा हैं कि बिजली, पानी, सड़क समेत हर सर्विस की डिलीवरी की कॉस्ट बहुत अधिक आती है। उदाहरण के तौर पर यहां जल जीवन मिशन में पानी का एक कनेक्शन लगाने का खर्च कहीं-कहीं 20,000 रुपये से भी ज्यादा है। हमारे यहां के कुछ जिलों का क्षेत्रफल तो देश के राज्यों से भी ज्यादा है। ऐसे में विशेष राज्य के दर्जे की हमारी पुरानी मांग कायम है। मैं मनोनीत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मांग करना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे पर पहला हक राजस्थान का है। इसको पूरा किया जाना चाहिए।
मोदी कैबिनेट की शपथग्रहण से पहले अशोक गहलोत की इस मांग ने देश में नई बहस छेड़ दी है। अब चर्चा हो रही है कि आखिर विशेष दर्जा किस राज्य को मिलनी चाहिए। सभी राज्य के नेताओं के अपने-अपने तर्क हैं। आंध्र प्रदेश का तर्क है कि बंटवारे के बाद हैदराबाद तेलंगाना में जाने के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां कम हुई है। बिहार के सीएम का तर्क है कि राज्य आजादी के बाद से पिछड़ा हुआ है और उद्योग धंधे नहीं हैं। वहीं, अब गहलोत ने राजस्थान में जल संकट का हवाला देते हुए विशेष दर्जे की मांग की है। अब देखना यह होगा कि मोदी सरकार किसे विशेष दर्जा देती है। क्योंकि यदि सरकार चलाने के लिए जेडीयू और टीडीपी की मांग पूरी करती है तो राजस्थान की उपेक्षा के आरोप लगेंगे। ऐसे में आने वाले समय में मोदी सरकार के लिए फैसला लेना आसान नहीं होगा।