राजीव गांधी फाउंडेशन का FCRA लाइसेंस निरस्त, सोनिया गांधी हैं संस्था की अध्यक्ष

राजीव गांधी फाउंडेशन के जरिए कांग्रेस देशभर में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। केंद्र सरकार ने फॉरेन फंडिंग का आरोप लगाते हुए अब FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है।

Updated: Oct 23, 2022, 06:06 AM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन के फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस को रद्द कर दिया है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले इस फाउंडेशन को अब विदेश से कोई फंडिंग नहीं मिलेगी। साथ ही अब तक जो पैसे आया है, उसके स्रोत की भी जांच होगी। 

दरअसल, देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद सन 1991 में उनकी स्मृति में इस फाउंडेशन की नींव रखी गई थी। संस्था की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम इस संस्था के ट्रस्टी है। 

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इस फाउंडेशन ने साल 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर उल्लेखनीय काम किया। साल 2010 में, फाउंडेशन ने आगे शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया और इसके लिए वेबसाइट बनाई। इसी तरह सामाजिक बेहतरी के लिए बिना कोई प्रचार के संस्था काम करती रही।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब राजीव गांधी फाउंडेशन की FCRA लाइसेंस रद्द कर इन सामाजिक कार्यों पर एक तरह से रोक लगा दिया है। बता दें कि एफसीआरए लाइसेंस के तहत स्थानीय संस्थाएं और एनजीओ विदेशी संस्थाओं, व्यक्तियों से अनुदान ले सकती हैं, लेकिन अनुदान लिए जाने की पूरी जानकारी केंद्र सरकार को दी जाती है। इससे यह पता लगाया जा सके कि जो अनुदान लिया गया है वह किस संस्था से किस कार्य के लिए लिया गया है।