3 करोड़ राशन कार्ड रद्द होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश झारखंड के कोइली देवी केस में सुनवाई के दौरान दिया है, पीड़िता का राशनकार्ड आधार से लिंक नहीं होने के कारण रद्द किए जाने का मामला, 11 साल की बेटी की भूख से मौत का है आरोप

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड से जुड़े नहीं होने के कारण करीब तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द किए जाने को अत्यंत गंभीर मामला बताया है। शीर्ष न्यायालय ने मामले पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए सी बोपन्ना एवं न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है, जिसे सही संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता कोइली देवी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि याचिका बड़े मुद्दे से संबंधित है। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि केंद्र ने लगभग तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। लेकिन अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि गोंजाल्विस का यह दावा गलत है कि केंद्र सरकार ने 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। इस पर पीठ ने कहा कि हम आपसे इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब चाहते हैं। यह एक प्रतिकूल याचिका नहीं है। लेखी ने इसके जवाब में कहा कि मामले में पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है और केंद्र की प्रतिक्रिया रिकॉर्ड पर है।
भूख से मौत होना मुख्य मामला
इस पर वकील कॉलिन गोंज़ाल्विस ने कहा कि केंद्र का जवाब मुख्य याचिका पर नहीं आया है, बल्कि वैकल्पिक शिकायत पर जारी किया गया था। उन्होंने कहा, 'मुख्य मामला तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द किया जाना और भूख से मौत होना है।' न्यायालय ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने इससे पहले 9 दिसंबर, 2019 में वैध आधार कार्ड नहीं होने पर राशन से वंचित किए जाने के कारण लोगों की मौत होने के आरोप को लेकर सभी राज्यों से जवाब मांगा था।
भूख से हुई थी संतोषी की मौत
दरअसल, वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंज़ाल्विस ने झारखंड में सिमडेगा जिले की रहने वाली कोइली देवी की ओर से यह याचिका दायर की गई है। आरोप है कि कोइली देवी की 11 साल की बेटी संतोषी की 28 सितंबर, 2018 को भूख के कारण मौत हो गई थी। याचिका में कहा गया है कि उनका राशन कार्ड आधार कार्ड से जुड़े नहीं होने के कारण रद्द कर दिया था, जिसके कारण उनके परिवार को मार्च 2007 से राशन मिलना बंद हो गया था। याचिका के मुताबिक इस वजह से पूरे परिवार को भूखे रहने पर मजबूर होना पड़ा। इसी बीच उनकी बेटी संतोषी की भोजन नहीं मिल पाने के कारण मौत हो गई। संतोषी की मौत का मामला 2018 में भी काफी सुर्खियों में रहा था।