कोरोना की तीसरी लहर से बचना है तो पर्यटन,सभा और सामाजिक आयोजन से बनाएं दूरी: ICMR

ICMR का दावा भीड़ वाली जगहों में जाने से 47% बढ़ेगा कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, Revenge travel बढ़ा रहा मुश्किलें, अभी से नहीं चेते तो फरवरी, मार्च में कोरोना की लहर ट्रिगर हो सकती है

Updated: Oct 06, 2021, 01:17 PM IST

Photo Courtesy: twitter
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दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च याने ICMR ने देश की जनता को कोरोना की तीसरी लहर को हल्के में ना लेने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि किसी भी धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक समारोहों या किसी भी तरह का ऐसा आयोजन जहां एक साथ बड़ी संख्या में जमा होते हैं, वह कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को और ज्यादा प्रबल करता है। ICMR ने चेतावनी दी है कि सामूहिक सभाओं में वृद्धि कोरोना की थर्ड वेव को स्थापित करने का काम कर सकती है।

दरअसल हाल ही में हिमाचल प्रदेश में बढ़ते पर्यटकों की संख्या की खबरें काफी आई थीं। जिनसे प्राप्त आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि छुट्टियों को दौरान वहां की आबादी में पर्यटकों की वजह से 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। याने छुट्टियों के दौरान शहरों में बाहरी लोगों की आमद बढ़ी जिससे हिल स्टेशन्स पर ज्यादा लोगों की मौजूदगी दर्ज की गई। अलग-अलग जगहों से लोगों के आने और बढ़ती भीड़ की वजह से कोरोना की तीसरी लहर का पीक 47% तक बढ़ सकता है।

ICMR और इंपीरियल कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स की एक स्टडी में यह पाया गया है कि करीब डेढ़ साल से घरों में बंद लोग घरों से निकलकर बाहर पर्यटक स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं। जैसे ही लोगों को घूमने का मौका मिलता है वे बाहर निकलने को आतुर हैं। इसे Revenge Travel कहा जाता हैं। शोध में चेतावनी दी गई है कि इसे देश में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। जो की फरवरी 2022 और मार्च के महीनों में संक्रमण के मामले पीक पर पहुंच सकता है।

हाल ही में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में कोरोना की थर्ड वेब को कंट्रोल करने के लिए घरेलू यात्रा पर नियंत्रण रखा जाए।  शोधकर्ताओं ने एक गणितीय मॉडल के आधार पर बताया है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान किसी शहर का क्या हाल था। वहां लोगों की भीड़ बढ़ने के बाद माहौल में क्या परिवर्तन आया।

 ICMR की रिसर्च में कहा गया है कि पर्यटन से आर्थिक लाभ होता है। क्योंकि भारत और अन्य स्थानों पर धीरे-धीरे सभी चीजें सामान्य हो रही है। लेकिन ये घरेलू यात्राएं और पर्यटन जान जोखिम में डाल सकता है। शोधकर्ताओं की मानें तो राज्य स्तर पर यात्रा प्रतिबंधों में ढील कोरोना की तीसरी लहर को जन्म देने का काम कर सकती है। वहीं त्यौहारों के दौरान होने वाले सामाजिक और धार्मिक आयोजन, चुनावों के दौरान होने वाले राजनीतिक सभाओं के कारण जनसंख्या घनत्व में अचानक बढ़ोतरी तीसरी लहर को और गंभीर बना सकती है।

हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों से पता चलता है कि सामान्य छुट्टियों के मौसम में, पर्यटन राज्य में जनसंख्या 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इन परिस्थितियों में, छुट्टियों के मौसम में थर्ड-वेव पीक 47 प्रतिशत तक बढ़ सकता है और ये दो हफ्ते पहले हो सकता है। उस परिदृश्य की तुलना में जहां प्रतिबंधों में ढील ऑफ-सीजन होती है। शोधकर्ताओं ने ध्यान दिया कि भारत की दूसरी Covid-19 लहर गंभीर थी, लेकिन कम जनसंख्या घनत्व वाले छोटे राज्यों में इसका प्रभाव भी कम तेज था। इतना ही नहीं, हिमाचल प्रदेश जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में मामले देरी से चरम पर पहुंचे।