RT-PCR नेगेटिव आने के बावजूद कोरोना संक्रमित हो सकते हैं लोग, वडोदरा प्रशासन ने बीमा कंपनियों को दिया निर्देश

वडोदरा नगर निगम ने बाकायदा एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन लोगों की आरटी पीसीआर जांच में उन्हें कोरोना निगेटिव पाया गया है, मगर सीटी स्कैन में चेस्ट कंजेशन पाया गया, उन्हें बीमा कंपनियां कोरोना पॉजिटिव ही समझें

Updated: Apr 10, 2021, 02:29 AM IST

Photo Courtesy: Quartz
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नई दिल्ली/अहमदाबाद। कोरोना की जांच के लिए सबसे भरोसेमंद आरटी पीसीआर जांच को माना जाता है। लेकिन जिन लोगों की आरटी पीसीआर जांच के बाद कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ रही है, ज़रूरी नहीं है कि ऐसे लोग कोरोना से संक्रमित नहीं हों। मसलन, आरटी पीसीआर की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव पाए जाने वाले मरीज़ भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। इस बात का खुलासा इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है।  

इकनोमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में डॉक्टरों के हवाले से बताया है कि कोरोना के कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें मरीज़ की आरटी पीसीआर रिपोर्ट तो निगेटिव आ रही है, लेकिन इसके बावजूद मरीज़ कोरोना से संक्रमित है। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी लोगों की HRCT में यह बात सामने निकल कर आ रही है कि कोरोना वायरस मरीज़ के फेफड़ों पर बुरी तरह से असर कर रहा है।  

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यह समस्या कितनी गंभीर है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वडोदरा नगर निगम ने बाकायदा बीमा कंपनियों के नाम एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं है, आरटी पीसीआर जांच में उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आती है, लेकिन इसके बावजूद बीमा कंपनियां ऐसे मरीज़ों को कोरोना से संक्रमित ही समझें।  

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वडोदरा के निजी अस्पतालों के एक समूह सेतु के अध्यक्ष डॉ कृतेश शाह का कहना है कि वे कई ऐसे मरीज़ों को देख चुके हैं जिनकी आरटी पीसीआर जांच में कोरोना रिपोर्ट तो निगेटिव आई लेकिन रेडियोलॉजिकल टेस्ट करवाने के बाद मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ हितेन करेलिया का कहना है कि ऐसे मामले सामने आने के बाद से उन्होंने लोगों से आरटी पीसीआर और HRCT चेस्ट से जुड़े हुए सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं। कलेरिया का कहना है कि अब मरीज़ों को कोरोना टेस्ट के बाद जल्द ही सीटी स्कैन से भी गुज़रना पड़ेगा।

कुलमिलाकर अगर आपको किसी भी तरह का सिंप्टम दिखे तो आप उसे हल्के में ना लें। तुरंत जांच कराएं और डॉक्टर से सीटी स्कैन क्लियर होने की रिपोर्ट भी लें। आप अनजाने में इस रंग बदलते वायरस के धोखे का शिकार हो सकते हैं।