बेबस पोता और एसडीएम की तफरीह

सागर के देवरी में ह्रदय रोगी 75 वर्षीय महिला दवा का इंतजार करती रही उधर दवा लेने गए पोते की बुलेट से एसडीएम तफरीह करते रहे।

Publish: May 03, 2020, 05:49 AM IST

कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम हेतु लॉक डाउन है। लेकिन इसी बीच सागर के देवरी में पुलिस-प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है। यहां ह्रदय रोग से पीड़ित 75 वर्षीय महिला महिला दवा के अभाव में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। वहीं दूसरी ओर देवरी के एसडीएम पीड़ित परिवार की बुलेट बाइक से घूमने का आनंद उठाते रहे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ है।

देवरी नगर से सटी ग्राम पंचायत झुनकू के संजय नगर ग्राम के निवासी किसान धीरज सिंह राजपूत के मुताबिक, उनकी 75 वर्षीय मां चंदा देवी पिछले 5 सालों से दिल की मरीज हैं और पिछले 10 साल से एक किडनी के दम पर जिंदा हैं। उनका इलाज घर में ही चल रहा है। 15 अप्रैल को उनकी दवाइयां खत्म होने पर उन्होंने अपने बेटे राम सिंह राजपूत को दवाई लेने के लिए पास के ही दीर्घा मेडिकल भेजा था। जहां दवाई लेकर लौट रहे बेटे राम सिंह की बुलेट बाइक क्रमांक mp 49mq 4688 को एसडीएम आरके पटेल ने रोका और बुलट बाइक से फर्राटे भरते हुए पूरे मंडी परिसर के चक्कर लगाए। एसडीएम् साहब की इस शान की सवारी को प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया पर जमके वायरल किया गया। इसके बाद बुलेट बाइक को पुलिस थाना भेजकर जब्त करवा दिया और राम सिंह पर लॉक डाउन उल्लंघन का मामला दर्ज करा दिया गया।

करीब दो-तीन घंटे तक जब बेटा दवाई लेकर नहीं लौटा तब उसकी दादी की तबियत लगातार बिगड़ती जा रही थी। परिजन बेटे के न आने पर चिंतित हो गये। इस संबंध में जानकारी की गई तो पता चल कि वह थाने में बैठा था। इसके बाद जब हम लोगों ने थाना प्रभारी से अनुनय विनय किया और मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बताई तो करीब 3 घंटे बाद मेरे बेटे को छोड़ा गया लेकिन बाइक वापस नहीं की गई। इसके बाद से अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं इस सम्बन्ध में देवरी एसडीएम का कहना है कि यह सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा है। गाड़ी चलाने की बात को उन्होंने टाल दिया और कहा कि यदि मुझे बाइक चाहिए होती तो किसी से भी मांग लेता कौन मना करता ?