वी वांट फेयर इलेक्शन, वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर बोले शिवसेना सांसद संजय राउत

पहले निष्पक्ष चुनाव की बात कीजिए। निष्पक्ष चुनाव हमारा नारा है। जो आज देश में नहीं हो रहा है। हम निष्पक्ष चुनाव की मांग कर रहे हैं, इसी के लिए वन नेशन वन इलेक्शन का फंडा लेकर आए हैं: संजय राउत

Updated: Sep 01, 2023, 01:20 PM IST

मुंबई। देशभर के विपक्षी दलों की मुंबई में बैठक चल रही है। इधर केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन का शिगूफा छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र में 'एक देश-एक चुनाव' को लेकर बिल लाने वाली है। वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी पार्टियों ने कहा कि वी वांट फेयर इलेक्शन।

शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा, 'वन नेशन, वन इलेक्शन से पहले निष्पक्ष चुनाव की बात कीजिए। वी वांट फेयर इलेक्निशन। निष्पक्ष चुनाव हमारा नारा है। जो आज देश में नहीं हो रहा है। हम निष्पक्ष चुनाव की मांग कर रहे हैं, इसी के लिए वन नेशन वन इलेक्शन का फंडा लेकर आए हैं ये लोग। वे विपक्षी एकता से डरे हुए हैं। इसीलिए बौखलाहट में इस तरह के निर्णय ले रहे हैं।'

ये तानाशाही है: कांग्रेस

मामले पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये प्रैक्टिकल नहीं हो तो अच्छा है। आप कैसे करेंगे? प्रधानमंत्री ये किस तरह से करेंगे, इसका ब्लू प्रिंट सामने आना चाहिए। विपक्ष से बात करनी चाहिए कि इस पर पीएम और केंद्र की क्या सोच है। वैसे पीएम की आदत हो गई है देश को सस्पेंस में रखते हैं। ये लोकतांत्रिक मर्यादा नहीं तानाशाही है।

ये एक देश एक लीडर करेंगे: सीपीआई 

वहीं, सीपीआई के सीनियर नेता डी राजा ने कहा कि बीजेपी में लंबे समय से 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की चर्चा चल रही है। जब से बीजेपी सत्ता में आई, बीजेपी का ये जूनुन था कि एक देश, एक संस्कृति, एक देश, एक जात, एक देश, एक भाषा, एक देश, एक टैक्स और अब एक देश, एक चुनाव। फिर ये एक देश और एक पार्टी करेंगे। उसके बाद एक देश और एक लीडर करेंगे।'

रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने 'एक देश एक चुनाव' को लेकर एक समिति का गठन किया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। ये समिति इस मुद्दे पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही ये तय होगा कि आने वाले समय में क्या सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराने की तैयारी करेगी या नहीं। 

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बता दें कि एक देश-एक चुनाव का मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ ही करा लिए जाएं। देश के आजाद होने के कुछ समय बाद तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए जाते थे। लेकिन इस प्रथा को बाद में खत्म करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग से कराया जाने लगा। वहीं केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र भी बुलाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार इस दौरान एक देश एक चुनाव को लेकर बिल भी ला सकती है।