महिला के हावभाव से ऐसा नहीं लगता कि उसका रेप हुआ हो, तरुण तेजपाल मामले में कोर्ट की टिप्पणी

तरुण तेजपाल मामले में कोर्ट के फैसले की कॉपी सामने आई है, जिसमें जज ने कहा है कि महिला के व्यवहार से ऐसा नहीं लगता कि वह रेप पीड़ित है

Updated: May 26, 2021, 04:58 AM IST

Photo Courtesy: Livelaw
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पणजी। मशहूर पत्रकार व तहलका मैगजीन के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल को रेप केस में गोवा सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया है। अब इस मामले में कोर्ट के फैसले की कॉपी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि पीड़िता के हावभाव और व्यवहार से ऐसा नहीं लगता कि उसका यौन उत्पीड़न हुआ है। कोर्ट ने इस मामले में बीते 21 मई को ही संदेह लाभ देते हुए तरुण तेजपाल को बरी कर दिया था।

प्रमुख अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 527 पेज के फैसले में एडिशनल सेशन जज क्षमा जोशी ने लिखा, 'सभी रिकॉर्ड्स और सबूतों पर विचार करने के बाद आरोपी को संदेह लाभ दिया जाता है। ट्रायल के दौरान महिला के व्यवहार ने इस केस को कमजोर कर दिया। महिला का व्यवहार मानक नहीं था। महिला ने ऐसा कोई बर्ताव नहीं दिखाया जिससे लगे कि उसका बलात्कार हुआ हो। 

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अदालत ने पाया है कि महिला का आरोपि को एसएमएस करना अननेच्युरल यानी अप्राकृतिक था। अदालत ने अपने फैसले में लिखा, 'महिला ने स्वीकार किया था कि उसके फोन से आरोपी को 8/11/2013 को दो एसएमएस भेजे गए थे और ये मैसेज उसके द्वारा किसी मैसेज के जवाब में नहीं भेजे गए थे। यह स्पष्ट रूप से स्थापित करता है कि महिला पीड़ित नहीं थी और न ही भयभीत थी। ये आरोपी पर लगाए गए अभियोजन पक्ष के मामले को पूरी तरह से खारिज कर देता है कि उक्त मैसेज के ठीक पहले आरोपी ने महिला का फिर से यौन उत्पीड़न किया था।'

क्या है पूरा मामला 

दरअसल, तरुण तेजपाल के खिलाफ तहलका में काम करने वाली ही एक महिला पत्रकार ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। तेजपाल की जूनियर सहकर्मी ने नवंबर 2013 में एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट के अंदर यौन उत्पीड़न करने का केस दर्ज किया था। महिला ने अपनी शिकायत में बताया था कि गोवा में तहलका मैगजीन का एक इवेंट था, उस रात जब वह एक गेस्ट को उसके कमरे तक छोड़ कर वापस लौट रही थी, तो होटल के एक लिफ्ट के सामने उसे मैगजीन के संपादक और उसके बॉस तरुण तेजपाल मिले। 

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लिफ्ट से बाहर निकलते ही तेजपाल ने महिला को वापस लिफ्ट के अंदर खींच लिया। गोवा पुलिस को दिए गए बयान में लड़की ने कहा था, वह कुछ समझ पाती तबतक तेजपाल ने ऐसे बटन दबाए की लिफ्ट न तो कहीं रुकी और न उसके दरवाजे खुले। इसके बाद तेजपाल ने उसके साथ बंद लिफ्ट के भीतर उसका रेप किया। पुलिस ने तहलका मैगजीन के फाउंडर तरुण को 30 नवंबर 2013 को गिरफ्तार कर लिया था।

देश के मशहूर पत्रकार रहे तेजपाल के खिलाफ लगे इन आरोपों ने मीडिया जगत में सनसनी मचा दी थी। गोवा पुलिस ने इस मामले में फरवरी 2014 में तेजपाल के खिलाफ 2,846 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। 2014 के ही मई में तरुण को जमानत दे दी गई थी। इसके बाद से वे जमानत पर बाहर हैं। तेजपाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354-A, 376 (2), 376 (2) के तहत मुकदमा चल रहा था।