टीकरी बॉर्डर पर आधी रात से तनाव, किसानों का आरोप- पुलिस रात में खोलने लगी रास्ते

पुलिस की कार्रवाई से भड़के किसान, बोले- अब रास्ते तब ही खुलेंगे जब काले कानून वापस होंगे, जेसीबी के सामने बैठे किसानों ने कहा चाहे जान चली जाए यहां से नहीं है हटेंगे

Updated: Oct 30, 2021, 03:56 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा की टीकरी बॉर्डर पर कल देर रात तनाव तब बढ़ गया जब पुलिस रास्ता खोलने लगी। यहां सड़क अचानक रात के अंधेरे में खोलने के प्रयासों के बीच किसान एकजुट हो गए। किसानों ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए मंच से भाषण स्टार्ट कर दिया वहीं कुछ किसान पुलिस की जेसीबी के सामने लेट गए।

दरअसल, टीकरी बॉर्डर पर बैरिकेड्स हटा रास्ते खोलने की कवायद चल रही थी। आंदोलन कर रहे किसानों और दिल्ली-हरियाणा पुलिस के बीच रास्ते खोलने की सहमति भी थी। बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह 10 बजे आखिरी बैरिकेड्स हटाकर इमरजेंसी रास्ता खोलने का प्लान था। विवाद तब तनावपूर्ण हो गया जब पुलिस ने शुक्रवार रात्रि से ही रास्ते हटाना शुरू कर दिया।

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किसानों का यह भी आरोप है कि पुलिस से 10 फीट का इमरजेंसी रास्ता खोलने की बात हुई थी। लेकिन अब 40 फीट का रास्ता खोलने का प्रयास किया गया है। देर रात ही इसके विरोध में किसान पुलिस बैरिकेडिंग के सामने आकर बैठ गए। साथ ही किसानों ने स्टेज से भाषण देना भी शुरू कर दिया। अमूमन स्टेज सिर्फ दिन में ही सजते हैं। मगर पुलिस के इस वादाखिलाफी के बाद किसानों ने रात में स्टेज लगा दिया। 

किसान एकता मोर्चा ने रात में ट्वीट कर बताया कि बॉर्डर पर हालात सामान्य हैं। एकता मोर्चा ने एक ट्वीट में लिखा, 'पर इतिहास याद रखेगा इस समय को। कि जुल्म की हद इस कदर थी कि किसान रात में सो भी नहीं सकते थे। कि संघर्ष की हद इस कदर थी कि सैंकड़ो कुर्बानियों के बावजूद महीनों तक चलती आ रही लड़ाई में कभी कोई मजदूर-किसान थके नहीं।' 

पुलिस के इस रात्रि कार्रवाई से भड़के किसानों ने तो अब रास्ता ही छोड़ने से इनकार कर दिया है। आक्रोशित किसानों ने कहा की पहले हम इमरजेंसी रास्ता देने को तैयार थे, परंतु अब हम तभी हटेंगे जब काले कानूनों को हटाया जाएगा। किसानों ने कहा कि हम बॉर्डर नहीं खुलने देंगे चाहे हमारी जान चली जाए।