हरिद्वार के व्यापारी ने भीख मांग कर दर्ज किया विरोध, बोले- बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है

कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन से त्रस्त होकर व्यापारियों ने हरिद्वार में भीख मांगकर अपना विरोध दर्ज किया। व्यापारियों ने कहा कि उनके बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है, सरकार की तरफ से राहत पैकेज दिया जाए।

Updated: May 17, 2021, 12:02 PM IST

Photo courtesy: ABP
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हरिद्वार। देशभर में कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। ऐसे में धर्मनगरी हरिद्वार में व्यापरियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कुंभ मेले के बाद हरिद्वार में लगातार कोरोना संक्रमण के भारी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में संक्रमित मरीजों की मौत भी हो रही है। स्थानीय लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी लॉकडाउन लगाया हुआ है। लॉकडाउन के कारण हरिद्वार के व्यापारी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।

हरिद्वार के व्यापारियों ने सोमवार को त्रस्त होकर  संजय पुल पर कटोरा लेकर बैठे साथ ही भीख मांगकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान लॉकडाउन की मार झेल रहे हरिद्वार के व्यपारियों ने सरकार से राहत पैकेज देने की मांग  की है। यही नहीं व्यपारियों ने चेतावनी भी दी है कि सरकार अगर उनकी कोई सुध नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में हरिद्वार के व्यापारी सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले हरिद्वार हर की पौड़ी के पास स्थित संजय पुल पर भीख मांगने बैठे व्यपारियों का कहना है कि वो त्रस्त होकर भीख मांगने बैठे हैं। घर का गुजारा चलाने के लिए उन्हें यहां भीख भी नसीब नहीं हो रही है। मोदी सरकार व्यपारियों को कोई राहत नहीं दे रही है। सरकार लॉकडाउन पर लॉकडाउन लगा रही है। व्यापारी हर तरह के टैक्स सरकार को देते हैं, मगर आज जब व्यापारियों का परिवार संकट में है, व्यापारियों का बुरा हाल है तो सरकार व्यपारियों के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है। व्यापारियों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।


व्यपारियों ने कहा कि अगर सरकार उनकी सुध नहीं लेती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जो प्रतिनिधि सरकार में व्यपारियों के जरिए चुनकर भेजे गए हैं वो भी व्यपारियो के साथ इस आपदा के समय में खड़े नजर नहीं आ रहे हैं। हरिद्वार के व्यपारियों को प्रशासन ने दो भाग में बांट दिया है। व्यपारियों के बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है, मांग है कि सरकार की तरफ से राहत पैकेज दिया जाए।