मोदी से मुलाकात के बाद बोले उद्धव ठाकरे, मैं नवाज़ शरीफ से मिलने नहीं गया था

उद्धव ठाकरे ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि हम भले ही अब राजनीतिक तौर पर साथ न हों लेकिन हमारे संबंध आज भी बने हुए हैं

Updated: Jun 08, 2021, 12:31 PM IST

Photo courtesy: PTI
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मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बुधवार को मुलाकात हुई। प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया तब उन्होंने कहा कि पीएम से ही मिलने गए थे, नवाज़ शरीफ से मिलने नहीं। उद्धव ठाकरे ने यह बात पीएम से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब होते समय कही। 

दरअसल आज उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और लोकनिर्माण मंत्री अशोक चव्हाण प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने पहुंचे थे। जहां इन नेताओं ने पीएम के साथ वैक्सीनेशन से लेकर मराठा आरक्षण जैसे मसलों पर चर्चा की। पीएम से मुलाकात के बाद जब मीडियाकर्मियों ने उद्धव ठाकरे से सवाल पूछा तब अपने ही अंदाज में सवाल का जवाब देते हुए उद्धव ने कहा कि हम अब भले ही राजनीतिक तौर पर साथ न हों। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे संबंध समाप्त हो गए। उद्धव ने कहा कि हमारे बीच में संबंध आज भी वैसे ही हैं। 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं कोई नवाज़ शरीफ से मिलने नहीं गया था। इसलिए अगर मैं उनसे निजी तौर पर मिलता हूं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। और किसी को किसी प्रकार कोई हर्ज भी नहीं होना चाहिए। शिवसेना और बीजेपी लंबे अरसे तक एक दूसरे की सहयोगी रही थी। लेकिन 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजों ने बीजेपी और शिवसेना के बीच दूरियां पैदा कर दी। 

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महाराष्ट्र में जब शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन बहुमत से अधिक सीटें लाया, तब दोनों ही पार्टियों में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जंग शुरू हुई। शिवसेना का दावा था कि इस मर्तबा मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए फिफ्टी फिफ्टी का सौदा हुआ था। मसलन, ढाई साल किसी शिवसैनिक को मुख्यमंत्री के पद पर रहना था, और ढाई साल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किसी भाजपा नेता को काबिज रहना था। 

शिवसेना का कहना था कि ढाई साल वाले फॉर्मूला के आधार पर मुख्यमंत्री की कुर्सी की मांग उसने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान ही की थी। लेकिन तब बीजेपी ने अपना वादा नहीं निभाया। जिसके बाद 2019 विधानसभा चुनाव इसी शर्त पर लड़ा गया था कि चुनाव जीतने के पश्चात पहले ढाई साल शिवसेना का ही कोई नेता मुख्यमंत्री बनेगा। 

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लेकिन शिवसेना के इन दावों को सिरे से खारिज करती रही। उधर शिवसेना ने भी बीजेपी से मुंह फेरने का इरादा पक्का कर लिया। हालांकि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बना पाती इससे पहले ही बीजेपी ने एनसीपी नेता अजित पवार को अपने कुनबे में शामिल कर लिया। लेकिन बीजेपी का यह दांव भी कुछ खास असर नहीं दिखा पाया। जल्द ही अजित पवार की घर वापसी हुई और महाराष्ट्र में तीनों दलों की महाराष्ट्र विकास आघाड़ी की सरकार बन गई। सीएम पद पर उद्धव की ताजपोशी होने के बाद से ही कभी महाराष्ट्र बीजेपी तो कभी केंद्र के साथ महाराष्ट्र सरकार के बीच टकराव की स्थिति अमूमन उत्पन्न होते रही है।