उमा भारती: सुब्रमण्यम स्वामी राजनीति के हंस, कलयुग में हंस दाना चुगते, कौए खीर खाते हैं
बीजेपी नेता उमा भारती ने स्वामी को हंस बताने की आड़ में किसे बना दिया कौआ, आख़िर किस पर निशाना साध रही हैं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री

भोपाल/नई दिल्ली। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अपने सहयोगी सुब्रमण्यम स्वामी को राजनीति का हंस बताया है। उमा भारती ने कहा है कि यह तो कलयुग की त्रासदी है कि हंस मोती की जगह दाना चुगते हैं जबकि कौए खीर खाते हैं। हालांकि उमा भारती की नज़र में बीजेपी की राजनीति में कौआ कौन है इसके बारे में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने किसी नेता का नाम नहीं लिया।
5. यह तो कलयुग की त्रासदी है कि हंस मोती की जगह दाना चुगते हैं तथा कौए खीर खाते हैं, लेकिन मैंने डॉ. स्वामी को हमेशा प्रसन्न एवं गौरवान्वित पाया। यह शायद इसलिए है कि उन्होंने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। मैं भी उनके जैसे बनने की कोशिश करती हूं।
— Uma Bharti (@umasribharti) January 31, 2021
मैं भी स्वामी की तरह बनने की कोशिश करती हूं: उमा भारती
उमा भारती ने स्वामी की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि ' मैंने डॉ स्वामी को हमेशा प्रसन्न एवं गौरवान्वित पाया है। यह शायद इसलिए है कि उन्होंने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। उमा भारती ने कहा कि मैं भी उन जैसी बनने की कोशिश करती हूं।
1. मैंने हमेशा डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी को अपना हीरो एवं आदर्श माना। डॉ. स्वामी के जीवन के सहस्त्र चंद्र दर्शन (1000 पूर्णिमा) पूरे हुए जिसकी खुशी में मेरे गुरु जी के स्थान पर वसंत कुंज, दिल्ली में उत्सव मनाया गया।
— Uma Bharti (@umasribharti) January 31, 2021
इससे पहले उमा भारती ने कहा, 'मैंने हमेशा डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी को अपना हीरो एवं आदर्श माना। डॉ. स्वामी के जीवन के सहस्त्र चंद्र दर्शन (1000 पूर्णिमा) पूरे हुए जिसकी खुशी में मेरे गुरु जी के स्थान पर वसंत कुंज, दिल्ली में उत्सव मनाया गया।' उमा भारती ने आगे कहा, ' डॉ. स्वामी भारत की राजनीति के सर्वाधिक बुद्धिमान, भारतीय अर्थ नीति की गहरी समझ एवं एक बहुत ही भव्य एलिगेंट हिंदू हैं।'
2. डॉ. स्वामी भारत की राजनीति के सर्वाधिक बुद्धिमान, भारतीय अर्थ नीति की गहरी समझ एवं एक बहुत ही भव्य एलिगेंट हिंदू हैं।
— Uma Bharti (@umasribharti) January 31, 2021
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'उनकी (सुब्रमण्यम स्वामी) जीवन संगिनी पारसी हैं, पारसी सूर्य के उपासक होते हैं। डॉ. स्वामी सूर्य की तरह चमकदार एवं आभा से युक्त हैं। इसलिए रूखसाना जी ने सूर्य से विवाह किया, दोनों पति पत्नी का यह दैवीय जोड़ा है, वह दोनों एक दूसरे से अभिन्न है।' उमा भारती ने कहा, 'मैं दोनों से बहुत प्यार करती हूं, मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि यह दोनों अनादि काल से अनंत काल तक साथ बने रहें एवं डॉ. स्वामी प्रसन्न,स्वस्थ, यशस्वी तथा दीर्घायु रहें।'