UP बोर्ड पेपर लीक मामले का भंडाफोड़ करने वाले पत्रकारों की गिरफ्तारी, बलिया पुलिस पर लगे गंभीर आरोप

बुधवार को यूपी बोर्ड 12वीं का पेपर लीक हो गया था जिसके चलते 24 जिलों में परीक्षाएं कैंसिल कर दी गयीं, पेपरलीक करनेवालों को पकड़ने की बजाए अब पुलिस ने इसका खुलासा करनेवालों को ही गिरफ्तार कर लिया है

Updated: Apr 01, 2022, 06:29 AM IST

बलिया। UP बोर्ड की अंग्रेजी परीक्षा के पेपर लीक मामले में एक बार फिर योगी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। पेपर लीक कांड में अपराधियों की बजाय ब्हिसिलब्लोअर्स यानी पत्रकारों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। यूपी पुलिस ने बलिया से अमर उजाला के पत्रकार दिग्विजय सिंह और अजीत कुमार ओझा को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश कुमार मिश्र को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और अब दो पत्रकारों समेत कुल 22 आरोपियों पर कार्रवाई की गयी है। दो दर्जन लोगों से हिरासत में पूछताछ की भी खबरें हैं। 

गुरुवार देर शाम सभी को सीजेएम कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। बलिया कोतवाली में पत्रकारों ने इस कार्रवाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया और इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया।

जेल जाने से पहले पत्रकार दिग्विजय सिंह ने बताया कि किस तरह उन्हें सूत्रों से खबर मिली कि संस्कृत विद्यालय का पेपर आउट हो चुका है और उन्होंने पेपर की कॉपी अपने अखबार में प्रकाशित की। इसके बाद अंग्रेजी विषय का पर्चा मिला और इसे भी अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर छपने के बाद प्रशासन अब शिक्षा माफियाओं को पकड़ने की बजाए उनसे ही पूछ रही है कि पेपर कहाँ से आउट हुए।

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पत्रकार दिग्विजय सिंह ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है। उन्होंने कहा, 'जो डीएम कहते थे कि हम बुलडोजर चलाएंगे, सबको नंगा करेंगे, आज वे खुद नंगे हो गए हैं। आज भी नकल नहीं रुका है। बलिया में धड़ल्ले से नकल हो रहा है। दो नंबर की कॉपियां यहां जमा हो रही हैं। प्रशासन को भ्रम है कि हम चुप हो जाएंगे।'

गौरतलब है कि यूपी में बीरहवीं के अंग्रेजी का पेपर परीक्षा शुरू होने के चंद घंटे पहले लीक हो गया था। लेकिन 30 मार्च को हुए इस लीक कांड का भंडाफोड करनेवाले और जनता तक पहुंचानेवाले पत्रकार ही अब पुलिस के निशाने पर हैं। प्रदेशभर के पत्राकरों ने इसका खुला विरोध किया है और सरकार से बलिया पुलिस प्रशासन के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है। जिन चौबीस जिलों में पेपर लीक के बाद परीक्षाएं रद्द हुई थीं, उनमें से बलिया भी एक है। करीब ८ लाख छात्रों के लिए इस रद्द हुई परीक्षा को अब १३ अप्रैल को आयोजित किया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में उसने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है।