यूपी में गाय बचाओ-किसान बचाओ यात्रा निकालने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरफ्तार

यूपी कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडिल से ट्वीट किया है कि अजय कुमार लल्लू का लोकेशन नहीं बता रही है यूपी पुलिस, अजय कुमार लल्लू और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन को झाँसी से गिरफ्तार कर लखनऊ ले जाने की योजना थी

Updated: Jan 06, 2021, 03:53 PM IST

Photo Courtesy : Twitter/ UP Congress
Photo Courtesy : Twitter/ UP Congress

ललितपुर, उत्तर प्रदेश। यूपी पुलिस ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और उनके साथ बड़ी तादाद में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी की गिरफ्तारी कांग्रेस की गाय बचाओ-किसान बचाओ यात्रा के दौरान की गई है। यूपी कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडिल से ट्वीट किया है कि अजय कुमार लल्लू का लोकेशन यूपी पुलिस नहीं बता रही है। लल्लू और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन को झाँसी से गिरफ्तार कर लखनऊ लाया जा रहा था लेकिन कई घंटे बीतने के बाद भी उनके लोकेशन के बारे में कोई खबर नहीं है।

 

लल्लू और अन्य कांग्रेस नेता आज गाय बचाओ किसान बचाओ यात्रा   ललितपुर से निकाल रहे थे जब उनकी गिरफ्तारी  हुई।  

 

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता प्रदीप जैन को भी इस यात्रा में शामिल होने से रोकने के लिए पहले ही घर में नज़रबंद कर दिया गया था। आज उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस ने उन्हें हनुमान मंदिर भी नहीं जाने दिया, जबकि शनिवार को वो हमेशा हनुमान मंदिर जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी की योगी सरकार न सिर्फ लोगों के लोकतांत्रिक का हनन कर रही है, बल्कि उनकी आस्था पर भी चोट की जा रही है। 

 

 

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए उनके समर्थन में ट्वीट किया है। प्रियंका ने ट्विटर पर लिखा है, "उप्र कांग्रेस के प्रिय सिपाहियों, आप खेती किसानी की दुर्दशा उजागर करने और गौवंश के साथ हो रहे अनाचार का पर्दाफाश करने के लिए पदयात्रा निकाल रहे हैं। आप #गाय_बचाओ_किसान_बचाओ का नारा बुलंद कर रहे हैं। दुनिया की कोई भी शक्ति आपको किसान हित का सवाल उठाने से रोक नहीं सकती।"

 

 

यूपी कांग्रेस का कहना है कि उसकी गाय बचाओ, किसान बचाओ यात्रा का मकसद योगी सरकार द्वारा गौशालाओं के नाम पर करोड़ों के फंड का वारा-न्यारा किए जाने का भंडा फोड़ करना और बुंदेलखंड में किसानों की दुर्दशा का हिसाब मांगना है।