यूपी पंचायत चुनाव 2021: चुनाव पर कोरोना का कहर, जीतने वाले 20 प्रत्याशियों ने हारी जिंदगी से जंग

उत्तरप्रदेश में करीब 20 प्रत्याशी ऐसे रहे जो चुनाव तो जीत गए लेकिन जिंदगी की जंग नहीं जीत सके, इनमें एक दर्जन प्रत्याशियों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई

Updated: May 04, 2021, 07:38 AM IST

Photo Courtesy: IndianExpress
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लखनऊ। उत्तरप्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कोरोना का भयावह असर देखने को मिला है। चुनाव ड्यूटी के दौरान करीब 700 शिक्षकों की कोरोना से मौत के बाद अब जीते हुए प्रत्याशियों के मौत का आंकड़ा सामने आया है। राज्यभर में करीब 20 प्रत्याशी ऐसे रहे जो चुनाव जीतने में तो कामयाब रहे पर जिंदगी की जंग हार गए। इनमें से एक दर्जन उम्मीदवारों की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई।

मृतकों में सर्वाधिक पांच प्रत्याशी गोरखपुर के रहे जबकि दूसरे नंबर पर प्रतापगढ़ रहा जहां के तीन प्रत्याशी अपने जीत का जश्न नहीं मना पाए। वाराणसी, जौनपुर और अमरोहा के 2-2 प्रत्याशी अपनी जीत देखने में असफल रहे वहीं गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, मिर्जापुर, चंदौली, देवरिया और आगरा में भी एक-एक प्रत्याशी को मौत के बाद विजयी घोषित किया गया। इनमें एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों की जान कोरोना वायरस ने ले लिया। चार दिल का दौरा पड़ने से चल बसे वहीं गोरखपुर में एक कि गोली मारकर हत्या कर दी गई।

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गोरखपुर के पिपरौली ब्लॉक अंतर्गत मिश्रौलिया गांव के प्रधान प्रत्याशी राघवेंद्र उर्फ गिलगित दूबे को चुनाव से एक दिन पहले ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोपी उनका प्रतिद्वंद्वी शंभु यादव है। हालांकि, मतदान होने तक वे जीवित थे, मतदान के बाद उनकी मौत हो गई। चुनाव नतीजों में वे विजयी भी घोषित हुए। उधर गाजीपुर के ग्रामसभा चक अहमद से प्रधान प्रत्याशी सीता राय, मिर्जापुर के ग्राम प्रधान प्रत्याशी रामचंद्र मौर्य भी मौत की खबर आने के बाद विजयी घोषित किए गए। देवरिया के भागलपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कपूरी एकौना की प्रत्याशी विमला देवी भी मरने के बाद चुनाव जीत गईं। 

जीत की खुशी में हुई मौत

राज्य में कुछ प्रत्याशी ऐसे भी रहे जिनकी मौत जीत की खुशी में हो गई। ऐसा ही मामला वाराणसी के पिंडरा ब्लॉक से सामने आया है, जहां प्रधान पद प्रत्याशी सुनरा देवी ने जीत की खबर सुनते ही दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग महिला सुनरा देवी परिणाम घोषित किए जाने से पहले आईसीयू में भर्ती थीं। यहां उनकी तबियत ठीक हो रही थी। लेकिन उन्हें जैसे ही यह बताया गया कि वह अपनी प्रतिद्वंद्वी प्रेमशीला से तीन वोटों से चुनाव जीत गई हैं, वैसे ही उनकी दिल की धड़कनों ने काम करना बंद कर दिया और सांसें थम गई। इसके बाद मृतक के बेटे ने जीत का प्रमाण पत्र ले लिया। हालांकि, कानूनी तौर पर यह सीट रिक्त हो गई है और यहां दुबारा चुनाव कराए जाएंगे।

मौत के बाद बजा जीत का डंका

पूर्वांचल छेत्र में प्रधान पद के आठ से ज्यादा प्रत्याशियों के निधन के बाद चुनाव में उनकी जीत हुई है। वाराणसी के सिरिस्ती गांव की प्रधान प्रत्याशी निर्मला मौर्या और शिवदशां ग्राम पंचायत के प्रधान प्रत्याशी धर्मपाल यादव की बीमारी से मौत चुनाव के बाद हो गई। रविवार को मतगणना में दोनों विजयी रहे। इसी प्रकार चंदौली के किशुनपुर के प्रधान प्रत्याशी रामविलास यादव, जौनपुर के बरपुर गांव से प्रधान प्रत्याशी कमला देवी और सर्वेमऊ गांव से प्रधान पद के प्रत्याशी निशा देवी की मौत भी चुनावी नतीजे घोषित होने के पहले हो गई, हालांकि नतीजों में उनकी जीत हुई। ऐसा ही आजमगढ़ के नौरसिया गावं में हुआ जहां प्रधान प्रत्याशी रमेश राजभर की मौत हो गई लेकिन चुनाव नतीजों में वे विजयी रहे।