ममता बनर्जी के भतीजे की साली के घर पहुंची सीबीआई, पत्नी ने दिया नोटिस का जवाब

अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा ने सीबीआई के नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि वह मंगलवार को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक पूछताछ के लिए मौजूद रहेंगी

Updated: Feb 22, 2021, 10:40 AM IST

Photo Courtesy : India.com
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के परिवार पर सीबीआई की मेहरबानी बढ़ती जा रही है। केंद्र सरकार की जांच एजेंसी आज ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की साली मेनका के घर पहुंची है। कल ही सीबीआई ने अभिषेक के घर धावा बोला था, हालांकि, इस दौरान वे घर पर नहीं थे। सीबीआई ने अभिषेक की पत्नी रुजिरा को कोयला घोटाला से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है।

रुजिरा ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि उन्हें मालूम नहीं है कि सीबीआई उनसे किस मामले में पूछताछ करना चाहती है, फिर भी वे पूछताछ के लिए तैयार हैं। सोमवार सुबह सीबीआई को लिखे पत्र में रुजिरा ने कहा है, 'मुझे यह जानकारी नहीं है कि आखिर सीबीआई मुझसे किसलिए पूछताछ करना चाहती है। आप अपनी सुविधा के अनुसार 23 फरवरी, 2021 को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच कभी भी मेरे घर पर आ सकते हैं।'

इस पूरे मामले को तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी का षड्यंत्र करार दिया है। कल ही ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी कहा था कि मुझे डराने के लिए ये हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया था कि, 'हमें देश के कानून पर पूरा भरोसा है। लेकिन अगर वे सोचते हैं कि इन हथकंडों से वे हमें डरा सकते हैं, तो वे गलत सोच रहे हैं। हम उनमें से नहीं हैं, जिन्हें डराकर झुकने को मजबूर किया जा सकता है।' इसके साथ ही अभिषेक ने ट्विटर पर सीबीआई की तरफ से उनकी पत्नी को मिले नोटिस को शेयर भी किया था।

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सीएम ममता बनर्जी के परिजनों से सीबीआई पूछताछ का यह पूरा मामला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब पीएम नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल पहुंच रहे हैं। मंगलवार को वे पश्चिम बंगाल के हुगली में एक रैली को संबोधित करेंगे। ऐसे में राज्य के सियासत में यह बड़ा मुद्दा बन गया है। सीबीआई जांच को कई लोग राजनीति से प्रेरित भी बता रहे हैं।

टीएमसी छोड़कर बीजेपी में गए शुभेंदु अधिकारी ने कल ही एक ट्वीट में अभिषेक बनर्जी की साली मेनका पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार ने स्कूली छात्रों को साइकिल बांटने की स्कीम का टेंडर उन्हें देकर पक्षपात किया था। अधिकारी के ट्वीट के अगले दिन ही सीबीआई मेनका के घर गई है ,इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। 

हालांकि, किसी भी जांच एजेंसी का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। लेकिन ऐसी आदर्श स्थिति धरातल पर नज़र नहीं आती है। यही वजह है कि एक बार देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट भी सीबीआई को केंद्र सरकार का पिंजरे में बंद तोता बता चुकी है। जाहिर है, इन हालात में जांच एजेंसियों की कार्रवाइयों को भी अक्सर सियासत से जोड़कर देखा जाता है।