300 किलो RDX कहां से आया, पुलवामा हमले की बरसी पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछे तीन सवाल
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ के काफिले में शामिल एक कार ने बस को टक्कर मार दी थी। कार में विस्फोटक होने की वजह से धमाका हुआ जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।

पुलवामा। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आज से 4 साल पहले 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में हमने अपने 40 जवानों को खो दिया था। इस हमले की चौथी बरसी पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने ट्वीट कर पूछा कि 300 किलो आरडीएक्स कहां से आया?
कांग्रेस ने ट्वीट किया, "2019 में आज ही के दिन पुलवामा आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में हमारे 40 जवान शहीद हुए। हमले से जुड़े कुछ सवाल हैं जिनके जवाब आज तक नहीं मिले। आतंकियों के पास 300 किलो RDX कहां से आया? हमारे देश की जमीन पर इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक कैसे पहुंचा?
जांच कहां तक पहुंची?"
2019 में आज ही के दिन पुलवामा आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में हमारे 40 जवान शहीद हुए।
— Congress (@INCIndia) February 14, 2023
हमले से जुड़े कुछ सवाल हैं जिनके जवाब आज तक नहीं मिले।
आतंकियों के पास 300 किलो RDX कहां से आया?
हमारे देश की जमीन पर इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक कैसे पहुंचा?
जांच कहां तक पहुंची?
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। लोग जवानों के क्षत-विक्षत शरीर देख बिलख रहे थे। परिवार के लोगों का क्या हाल था इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। परिवार के लोग बेसुध और बदहवास नजर आ रहे थे। अपने लाड़ले, अपने घर के चिराग को खोने का दर्द उन परिवार के लोगों पर आज साफ दिखाई दे रहा है। ये हमला तीन दशकों में हुआ सबसे बड़ा हमला था।
पुलवामा हमले में भारी मात्रा में जिलेटिन के छड़ों का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन जिलेटिन की ये छड़ें खुलेआम नहीं बिक सकती हैं। ये छड़ें सरकार की ओर से सिर्फ अधिकृत कंपनियों या फिर सरकारी विभाग जैसे भू-विज्ञान विभाग को ही दी जाती हैं। जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा? कौन था इस षडयंत्र के पीछे? ये सवाल आज भी अनुत्तरित हैं।
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पुलवामा हमले से तत्कालीन डीएसपी देवेंद्र सिंह का कनेक्शन भी जुड़ा है। वह आतंकियों के साथ मिला हुआ था। हमले के बाद दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले के मीर बाजार इलाके से सुरक्षा बलों ने डीएसपी देविंदर सिंह को लश्कर-ए-ताइबा व हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया था। सुरक्षाबलों ने तीनों को जिस कार से गिरफ्तार किया था उसमें दो एके 47 राइफल बरामद की गईं थी। आतंकियों संग पकड़े जाने के बाद डीएसपी को निलंबित कर दिया गया। लेकिन बाद में उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई ये देश को नहीं बताया गया।