कल से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, सरकार के एजेंडे में 16 बिल, कांग्रेस ने भी बनाया 16 पॉइंट्स का एजेंडा

शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर 2022 तक चलेगा और इसमें कुल 17 कार्य दिवस होंगे। इन दिनों में केंद्र सरकार 16 नए बिल पेश करेगी, वहीं कांग्रेस भी 16 मुद्दों की सूची तैयार की है जिसे सदन ने उठाने की तैयारी है।

Updated: Dec 06, 2022, 12:03 PM IST

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र कल यानी 7 दिसंबर से शुरू हो रहा है। सत्र सुचारू रूप से चलाने को लेकर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें तमाम दिग्गज शामिल हुए। शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर 2022 तक चलेगा और इसमें कुल 17 कार्य दिवस होंगे। विपक्षी दल सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। कांग्रेस ने कुल 16 पॉइंट्स तैयार किया है, जिन्हें शीतकालीन सत्र के दौरान पार्टी नेता उठाएंगे।

संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे 
सप्ताह में शुरु होता है। इस दौरान करीब 20 बैठकें होती हैं। हालांकि गुजरात चुनाव कार्यक्रम के कारण इस बार संसद सत्र को एक महीने देरी करनी पड़ी। 7 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के लिए केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं। सरकार की योजना है कि इस सत्र में इन विधेयकों को पास करा लिया जाये। वहीं विपक्ष ने भी 16 बिंदुओं की सूची तैयार की है, जिसपर वह सदन में चर्चा करना चाहती है।

इन मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस

1. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक्सटर्नल थ्रेट, चीनी घुसपैठ और विदेश नीति।

2. एम्स पर साइबर हमला और लाखों लोगों की डेटा चोरी की आशंका।

3. अनियंत्रित मुद्रास्फीति और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि।

4. सरकारी विभागों और अन्य संस्थानों में रिक्तियों को भरने और नई नौकरियां पैदा करने में सरकार की विफलता के कारण देश भर में लगातार उच्च बेरोजगारी दर।

5. किसानों को एमएसपी की कानूनी/वैधानिक गारंटी देने में केंद्र सरकार की विफलता।

6. वन अधिकार अधिनियम, सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, मनरेगा, आदि जैसे अधिकार-आधारित कानूनों को कमजोर करना।

7. न्यायपालिका पर केंद्र का हमला और सुप्रीम कोर्ट
कॉलेजियम की सिफारिश को मानने से इनकार करना।

8. ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला।

9. स्वायत्त निकायों का पतन- चुनाव आयोग की घटती विश्वसनीयता और सीबीआई/ईडी/सीवीसी आदि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग।

10. गुजरात में मोरबी ब्रिज हादसा।

11. गिरता रुपया, घटता निर्यात और गिरती जीडीपी ग्रोथ।

12. देश भर में वायु प्रदूषण का बिगड़ता और खतरनाक स्तर।

13. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और अत्याचार।

14. बढ़ता कुपोषण और 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने में सरकार की विफलता।

15. कर्नाटक में मतदाताओं के डेटा की चोरी और लाखों मतदाताओं का नाम हटाना।

16. कश्मीरी पंडितों पर बढ़ते अपराध और हमलों सहित जम्मू-कश्मीर में समस्याएं।