काम करें, अहंकार न पालें, मोहन भागवत ने मोदी सरकार को दिखाया आइना
नागपुर में RSS के कार्यकर्ता विकास वर्ग कार्यक्रम का 10 जून को समापन दिवस था। इसमें संघ प्रमुख ने कहा कि जो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मर्यादा की सीमाओं का पालन करता है, वही सेवक कहलाने का हकदार है।
नागपुर। लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के द्वितीय समापन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर एक साल से हिंसा की आग में जल रहा है। उसपर ध्यान कौन देगा। उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि काम करें, अहंकार न पालें।
नागपुर में RSS के कार्यकर्ता विकास वर्ग कार्यक्रम का 10 जून को समापन दिवस था। इसमें संघ प्रमुख ने कहा कि जो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मर्यादा की सीमाओं का पालन करता है, वही सेवक कहलाने का हकदार है। उन्होंने मणिपुर को लेकर कहा पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर एक साल से हिंसा की आग में जल रहा है। मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है। इसे प्राथमिकता से करने पर विचार करना चाहिए।
भागवत ने कहा कि चुनावी मुकाबला झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'जब चुनाव होता है, तो मुकाबला जरूरी होता है, इस दौरान दूसरों को पीछे धकेलना भी होता है, लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है - यह मुकाबला झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए। लोग क्यों चुने जाते हैं - संसद में जाने के लिए, विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए। हमारी परंपरा आम सहमति बनाने की है। संसद में दो पक्ष क्यों होते हैं? ताकि, किसी भी मुद्दे के दोनों पक्षों को संबोधित किया जा सके। किसी भी सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही हर मुद्दे के दो पहलू होते हैं। अगर एक पक्ष एक पक्ष को संबोधित करता है, तो विपक्षी दल को दूसरे आयाम को संबोधित करना चाहिए, ताकि हम सही निर्णय पर पहुंच सकें।'
भागवत ने आगे कहा, 'डॉ. अंबेडकर ने भी कहा है कि किसी भी बड़े परिवर्तन के लिए आध्यात्मिक कायाकल्प आवश्यक है। हजारों वर्षों के भेदभावपूर्ण व्यवहार के परिणामस्वरूप विभाजन हुआ है, यहां तक कि किसी प्रकार का गुस्सा भी। हमने अर्थव्यवस्था, रक्षा, खेल, संस्कृति, प्रौद्योगिकी जैसे कई क्षेत्रों में प्रगति की है। इसका मतलब यह नहीं है कि हमने सभी चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर ली है। पूरा विश्व चुनौतियों से मुक्ति के लिए किसी न किसी रूप में प्रयास कर रहा है और भारत ही इसका समाधान दे सकता है। अपने समाज को इसके लिए तैयार करने के लिए स्वयंसेवक संघ शाखा में आते हैं।'