येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद फूट-फूटकर रोने लगे समर्थक, नम आंखों से येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा

सीएम येदियुरप्पा को रोते देख विधानसभा में फफक पड़े उनके समर्थक, येदियुरप्पा ने दिया इमोशनल स्पीच, सीएम के दौड़ में कई नाम शामिल

Updated: Jul 26, 2021, 11:42 AM IST

बेंगलुरु। कर्नाटक में चल रहे सियासी उहापोह के बीच मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आज राज्यपाल को नम आंखों से इस्तीफा सौंप दिया है। विधानसभा में बतौर सीएम अपना आखिरी भाषण देते हुए येदियुरप्पा रो पड़े। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे खुशी-खुशी इस्तीफा दे रहे हैं, उन्हें कोई दुख या असंतोष नहीं है। येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों में निराशा है। विधानसभा के आसपास येदियुरप्पा के कई समर्थक फफक-फफककर रोते दिखे। 

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने येदियुरप्पा का इस्तीफा स्वीकार करते हुए प्रदेश की कैबिनेट को भंग कर दिया है। इसी के साथ राज्य में नई सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सीएम बनने के लिए कई नेताओं द्वारा गुटबाजी करने की खबरें सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद भवन परिसर में बैठक की है और आज शाम पार्टी अपने दो पर्यवेक्षकों का ऐलान करेगी। 

केंद्रीय पर्यवेक्षक कल बेंगलुरु पहुंचकर विधायकों से मुलाकात करेंगे और विधायक दल की बैठक में अगला सीएम का नाम तय किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अगला सीएम का ऐलान 2023 विधानसभा चुनाव को देखते हुए किया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी लिंगायत समुदाय के किसी नेता को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। सीएम पद के लिए फिलहाल जिन नेताओं का नाम चल रहा है उनमें सबसे आगे येदियुरप्पा कैबिनेट में खनन और भूविज्ञान मंत्री रहे मुरुएश आर निरानी हैं।

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खास बात ये है कि निरानी कल ही दिल्ली गए हुए थे और उन्होंने शीर्ष नेताओं से मुलाकात भी की है। हालांकि, निरानी समर्थकों ने इन बातों को खारिज करते हुए कहा है कि वह निजी यात्रा पर गए थे। कर्नाटक के गृहमंत्री बासवराज बोम्मई को भी बड़ा दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा बासनगौड़ा पाटिल यतनाल और अरविंद बेलाड के नाम भी चर्चा में है। यतनाल आरएसएस के करीबी हैं, वहीं बेलाड काफी दिनों से येदियुरप्पा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। बेलाड को कई विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

उधर इस बात को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि अब येदियुरप्पा आगे क्या करेंगे। शुरुआत में तो यह चर्चा थी कि उन्हें किसी राज्य में राज्यपाल बनाकर भेजा जाएगा। हालांकि, स्वयं येदियुरप्पा ने इन कयासों पर वीराम लगा दिया है। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा है कि 'कर्नाटक छोड़कर जाने और राज्यपाल बनने का कोई सवाल ही नहीं उठता। मैं यहीं रहकर पार्टी को मजबूत बनाऊंगा और जनकल्याण के लिए काम करूंगा।' येदियुरप्पा के इस बयान के बाद अब चर्चा है कि वे प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं।

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येदियुरप्पा ने आज अपनी सरकार के दो साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान इमोशनल स्पीच देते हुए इस्तीफे का ऐलान किया था। उन्होंने रोते हुए कहा, '‘मेरी बात को अन्यथा मत लीजिएगा, आपकी अनुमति से... मैंने फैसला किया है कि मैं लंच के बाद अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौपूंगा। मैं दु:खी होकर नहीं, बल्कि खुशी से ऐसा कर रहा हूं। जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने मुझे केंद्र में मंत्री बनने का ऑफर दिया था। लेकिन मैं कर्नाटक में रहना चाहता था। कर्नाटक में अब बीजेपी का विस्तार हो गया है। पिछले दो वर्षों में मुझे लगातार अग्निपरीक्षा देना पड़ा है।'