ट्रम्‍प की यह बात मान ली तो मर सकते हैं आप

ट्रम्‍प के बयान के बाद पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को एडवाइजरी जारी कर लोगों को बताना पड़ा है कि इससे कोरोना संक्रमण ठीक नहीं हो रहा है।

Publish: Apr 25, 2020, 11:57 PM IST

अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्‍प एक बार फिर से एक चौंकाने वाले बयान के कारण चर्चा और उपहास का पात्र बन गए हैं। ट्रम्‍प ने सलाह दी है कि इस पर अध्ययन किया जाना चाहिए कि क्या कीटाणुनाशकों को शरीर में इंजेक्ट करने से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है। ट्रम्‍प के इस बयान के बाद पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को इस बारे में एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को बताना पड़ा है कि इससे कोरोना संक्रमण ठीक नहीं हो रहा है। उधर, डेटोल और लाइजोल जैसे रोगाणुनाशक बनाने वाली कंपनी ने ट्रम्‍प के बयान का खंडन किया है। कंपनी ने लोगों से कहा- 'कृपया इन्हें न पीयें, ये सेहत के लिए काफी खतरनाक हैं, इनसे मौत भी हो सकती है।'

ट्रम्‍प ने सलाह दी थी कि इस पर शोध होना चाहिए कि क्या रोगाणुनाशकों को शरीर में इंजेक्ट करने से कोविड-19 का इलाज हो सकता है? इसके अलावा उन्होंने यह प्रस्ताव भी दे डाला कि क्यों न अल्ट्रावायलेट (यूवी) प्रकाश से मरीजों के शरीर को इरेडिएट (विकिरण) किया जाए? ट्रम्‍प ने कहा कि सैनेटाइजर के इंजेक्शन से क्यों न बहुत सारी रोशनी अल्ट्रावायलेट किरणों के जरिए शरीर के अंदर पहुंचा दी जाए?  ट्रम्प ने व्हाइट हाउस की कोरोना वायरस टास्क फोर्स की समन्वयक डॉ. डेबोराह बिर्क्स की तरफ देखते हुए कहा कि मेरे ख्याल से आप लोगों ने अभी तक इसे टेस्ट नहीं किया है, लेकिन आप ऐसा कर सकते हैं।

डॉ. बिर्क्स ट्रंप के सुझावों पर बेहद हैरान दिखीं जिनकी झलक सोशल मीडिया पर देखी जा सकती है। ट्रंप ने जब उनसे इस बारे में पूछा तो बिर्क्स ने कहा, इलाज के रूप में यह संभव नहीं। इस पर ट्रंप ने कहा कि मैं डिसइंफेक्टेंट को देखता हूं जो एक मिनट में वायरस मार देता है। तो क्या कोई तरीका नहीं है कि उसे किसी तरह शरीर के अंदर इंजेक्ट कर दिया जाए जहां वो सफाई कर दे यह दिलचस्प होगा। इस बयान के वीडियो वायरल होने के बाद ट्रम्‍प को लेकर कई तरह के मजाक बनाए गए। डेमोक्रेटिक नेता हिलेरी क्लिंटन ने ट्वीट कर कहा कि इसलिए जहर न पीजिए कि ट्रम्‍प इसे गुड आइडिया मानते हैं। हालांकि, बाद में ट्रम्‍प बयान से पलट गए।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मैं तो मज़ाक कर रहा था। ट्रम्‍प ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, "मैंने आप जैसे पत्रकारों से मजाक में सिर्फ एक सवाल पूछा था। यह देखने के लिए की क्या होता है"

 

 

तुरंत करना पड़ा खंडन

ट्रम्‍प ने जब इसके पहले हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन खाने की बात कही थी तो दुनिया भर में इसकी मांग बढ़ गई थी। लोगों ने बिना डॉक्‍टरों की सलाह पर इसे खाना शुरू कर दिया था। हालांकि बाद में डॉक्‍टरों और शोधकर्ताओं ने कहा था कि बिना डॉक्‍टरों की सलाह पर इस दवा का उपयोग हानिकारक हो सकता है। इस बार भी ट्रम्‍प के बयान पर तुरंत सक्रिय होते हुए डेटोल और लाइजोल बनाने वाली कंपनी रेकिट बेनक्सिर ने शुक्रवार देर शाम एक बयान जारी कर लोगों से कहा है कि ऐसी कोई रिसर्च सामने नहीं आई है जिसमें ये दावा किया गया हो कि उनके प्रोडक्ट कोरोना के इलाज में सहायक है। रेकिट बेनक्सिर ने कहा कि प्रेजिडेंट ट्रंप के बयान के बाद सोशल मीडिया पर भ्रामक ख़बरें फैलाई जा रहीं हैं, ये सभी गलत हैं। हेल्थ-हाइजीन प्रोडक्ट बनाने वाली एक ग्लोबल कंपनी होने के नाते हमारा फर्ज है कि लोगों तक सच पहुंचे। हमारा कोई भी प्रोडक्ट इंसानों के पीने के लिए नहीं बनाया जाता है, इसका इंजेक्शन लेना भी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है।

ईरान में लोगों ने पिया था इंडस्ट्रियल अल्कोहल

ईरान में कोरोना संक्रमण की शुरुआत में अफवाह फैली थी कि अल्कोहल पीने से कोरोना वायरस मर जाता है। कुछ लोगों ने यह तर्क लगाया था कि अगर अल्कोहल लगाने से वायरस मर सकता है, तो पी लेने से भी शरीर के अंदर सफाई हो जाएगी। इस्लामी देश ईरान में शराब की बिक्री पर पाबंदी है। ऐसे में कुछ लोगों ने इंडस्ट्रियल अल्कोहल का बंदोबस्त किया और अपने जानने वालों में भी उसे बांटा। इसे पीने के कारण वहां सैकड़ों लोगों की जान गई। पिछले लगभग चार महीनों से वैज्ञानिक लगातार अपील करते आए हैं कि कोरोना वायरस से जुड़ी अफवाहों पर यकीन ना किया जाए।