पिता की विचारधारा का अपमान कर गए ज्योतिरादित्य
कांग्रेस का साथ छोड़़ कर मप्र की चुनी हुई कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के ग्वालियर क्षेत्र के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के फैसले की आलोचना हो रही है। माकपा ने कहा है कि ज्योतिरादित्य भाजपा का मोहरा बन गए हैं। उन्होंने न केवल जनादेश बल्कि अपने पिता की विचारधारा का भी अपमान किया है।

ज्योतिरादित्य के फैसले की आलोचना करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि सैद्धांतिक प्रतिबद्धता को तिलांजलि देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने न केवल जनादेश का अपमान किया है बल्कि अपनी पिता माधवराव सिंधिया की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के साथ भी उनकी 75वीं जयंती के अवसर पर विश्वासघात किया है। अब वे इसके लिए जो भी बहाने बनाये मगर साफ है कि उन्होंने यह सब सत्ता की लोलुपता के लिए किया है।
पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा है कि पार्टी उनके इस कृत्य की आलोचना करते हुए भाजपा की सत्ता की भूख की भी निंदा करती है। व्यापमं से लेकर हनीट्रैप सीडी और ई टेंडरिंग घोटालों में फंसा भाजपा नेतृत्व अपने अपराधों को छिपाने के लगातार जनादेश को पलटने की फिराक में था। ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के इस कृत्य में मोहरा साबित हुए है। कर्नाटक के बाद अब मध्यप्रदेश का घटनाक्रम साबित करता है कि भाजपा को जनादेश की कोई चिंता नहीं है वे सिर्फ कालेधन की बदौलत सत्ता हथियाना चाहती है। पिछले छ: साल में भाजपा ने कई बार लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं को कलंकित किया है। मध्यप्रदेश भाजपा की इन हरकतों का नया उदाहरण है।
पार्टी प्रदेश की जनता से जनतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ने और जनादेश का अपमान करने वालों को करारी शिकस्त देने का आव्हान करती है।