नहीं रहा यस बैंक! मोदीनॉमिक्स में डूबे पैसे

पीएमसी बैंक के बाद अब देश का एक बड़ी निजी बैंक यस बैंक नकदी के संकट के कारण डूब की कगार पहुंच गई हैं। अगर यह बैंक डूबा तो पहले से ही मुश्किल में इकोनॉमिक ग्रोथ को तगड़ा झटका लगना तय है। इसका असर दिखाई भी दे रहा है। यस बैंक का संकट शेयर बाजार पर कहर बनकर टूटा है। शुक्रवार 6 मार्च को शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है – ‘नो मोर यस बैंक। मोदी और उनके विचारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को ख़त्म कर दिया है।‘

Publish: Mar 07, 2020, 02:31 AM IST

YES Bank in crisis

गुरुवार देश के निवेशकों और बैंकों पर भरोसा करने वालों के लिए बुरा दिन साबित हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए अपना प्रशासक नियुक्त कर दिया है। उसने बैंक से 50 हजार से अधिक की राशि निकालने पर पाबंदी लगा दी। इस वजह से देश भर के यस बैंक ग्राहकों में डर कायम हो गया है और गुरुवार रात कई शहरों में यस बैंक के एटीएम में ग्राहकों की कतारें देखी गईं।

इससे करीब छह माह पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया था। यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज (एनपीए) की समस्या से जूझ रहा है।

यस बैंक को 14 मार्च तक की डेडलाइन दे दी गई है इस अवधि तक उसे 2 अरब डॉलर का फण्ड जुटाना है। बैंक का 36 फीसदी कैपिटल बैड लोन में फंसा हुआ है। अभी बैंक के लोन डूबने की आशंका ज्यादा है। यस बैंक यदि 14 मार्च तक 2 अरब डॉलर नहीं जुटा पाता है तो सरकार और रिजर्व बैंक मिलकर यस बैंक को इंटरिम बैलआउट कर सकते हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यस बैंक के संकट पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा है कि संकट दूर करने की कोशिश की जा रही है। 30 दिनों की सीमा अधिकतम सीमा है, उससे पहले ही यह संकट दूर हो जाएगा।

बाजार पर संकट, औंधे मुंह गिर गया सेंसेक्‍स

कोरोना का प्रकोप और यस बैंक का संकट शेयर बाजार पर कहर बनकर टूटा है। शुक्रवार 6 मार्च को शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज  का सेंसेक्स सुबह 857 अंकों की गिरावट के साथ 37,613.96 पर खुला। थोड़ी ही देर में सेंसेक्स 1400 अंक तक टूट गया। सुबह 11 बजे तक यस बैंक का शेयर करीब 85 फीसदी तक टूटकर 6 रुपये पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 327 अंक टूटकर 10,942.65 पर खुला। सिर्फ 74 शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि 802 शेयरों में गिरावट आई।
 
एसबीआई के कंधों पर यस बैंक का भार

निजी क्षेत्र का बड़ा बैंक माने जाने वाले यस बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक को देने की तैयारी की गई है। सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक को संकट से उबारने के प्रयास करेंगे। केंद्र सरकार ने एसबीआई की अगुआई वाले बैंकों के समूह को यस बैंक के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है।

इस बात के खुलासे के बाद गुरुवार को यस बैंक के शेयर में उछाल आई, जबकि भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों पर उल्टा असर हुआ और गिरावट दर्ज की गई। लोगों को भय है कि यस बैंक को संभालने की कोशिश में भारतीय स्‍टेट बैंक की हालत बिगड़ जाएगी।

इसका कारण भी है। अगर भारतीय स्टेट बैंक के 2018-19 के आंकड़ों के देखा जाए तो पता चलता है कि बैंक को 862 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ था। हालांकि, इससे पहले दो साल तक बैंक को लगातार नुकसान हुआ था। बता दें कि बैंक को 2017-18 में 6,547 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था और 2016-17 बैंक को 1805 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। भारतीय स्टेट बैंक की अब तक की हालत देखकर ही लोग उस पर भरोसा करने से डर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें ये खबर पसंद नहीं आ रही है कि भारतीय स्टेट बैंक की ओर से यस बैंक को सहारा दिया जाएगा।

 संकट की आहट : बैंक के साथ डूब जाएंगे लाखों रुपए

आर्थिक संकट की आहट से यस बैंक के ग्राहकों में घबराहट हैं। हालांकि, सरकार ने इस बार के बजट में को के डूबने पर पांच लाख तक की रकम लौटाने का प्रावधान किया है। असल में पीएमसी बैंक घोटाले के सामने आने के बाद से बैंकों में ग्राहकों की जमा राशि के भविष्‍य को लेकर बहस छिड़ गई थी। इस बहस के बीच वित्त वर्ष 2020-21 आम बजट में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम लोगों को राहत देते हुए खातों में जमा रकम पर इंश्योरेंस गारंटी की सीमा बढ़ा दी है। पीएमसी घोटाले के बाद एक बार फिर इस मांग ने जोर पकड़ा था कि बीमा राशि को बढ़ाया जाए। अब इस कानून में 27 साल बाद बदलाव किया गया है। इसके पहले साल 1993 में बैंकिंग डिपॉजिट्स पर ​इंश्योरेंस की रकम बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गई थी। यानि, अगर कोई बैंक डूब जाता है तो उसके जमाकर्ताओं को अधिकतम 1 लाख रुपये की राशि सरकार देती थी। अब बैंकों में जमा रकम पर अब 5 लाख रुपये की इंश्‍योरेंस गारंटी मिलेगी। इस घोषणा से छोटे ग्राहक भले खुश हैं मगर बड़े ग्राहकों और कारोबारियों को भय है कि बैंकों के डूबने की आशंका के कारण सरकार ने फौरी राहत देने को यह कदम उठाया। भविष्‍य में और बैंकों के डूबने का खतरा है। तभी सरकार ने जनता की नाराजगी से बचने को यह कदम उठाया है।

मोदी ने अर्थव्‍यवस्‍था को नष्‍ट कर दिया : राहुल गांधी

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने यस बैंक के संकट पर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है, " नहीं रहा यस बैंक।  मोदी और उनके विचारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को ख़त्म कर दिया है।"

2014 में '15 लाख ले लो', 2018 में 'पकौड़ा ले लो', 2020 में 'ताला ले लो'

कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने यस बैंक पर आए संकट पर मोदी सरकार को निशाने पर‍ लिया है। अपने ट्ववीट में शेरगिल ने कहा कि बैंकों की खराब के लिए बीजेपी सरकार की 'पकोड़ानमिक्स' को धन्यवाद जो भारत को 'आर्थिक बंदी' की राजधानी बनाने की दिशा में काम रही है। उन्होंने पूछा है कि कितने बैंक कंगाल होंगे? कितने उद्योग अभी और बंद होंगे।

एक दूसरे ट्वीट में कांग्रेस नेता लिखा, बीजेपी के पिछले 6 साल के नारों की हकीकत, 2014 : 15 लाख ले लो (सभी के लिए), 2018 : पकौड़ा ले लो (बेरोजगारों के लिए), 2020 : ताला ले लो (बैंक और उद्योगों के लिए)। उन्होंने लिखा है कि भाजपा की गलत वित्तीय नीतियों के चलते भारत के लोग अपने जेब से भुगत रहे हैं।