दफ्तर दरबारी: एसयूवी पर हूटर लगाकर चल रहे हैं तो सीआर की चिंता क्‍यों

MP News: हर अफसर को अपनी सीआर यानी गोपनीय चरित्रावली की चिंता होती है क्‍योंकि इसी पर उनका कॅरियर और प्रगति टिकी होती है। मध्‍य प्रदेश के एक आईएएस की चरित्रावली गोपनीय नहीं रही। जानिए क्‍यों सीनियर ने सीआर बिगाड़ दी और अब साहब क्‍या तर्क दे रहे हैं...उधर, हाईकोर्ट ने हाईपॉवर कनेक्‍शन को क्‍या दिया है झटका

Updated: Feb 15, 2023, 09:32 AM IST

File Photo
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मध्‍य प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में जो घट रहा है उसे देखकर अगर एक वाक्‍य में टिप्‍पणी करना चाहेंगे तो यह वाक्‍य होगा, ‘सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का?’ जब ऊपर से आशीर्वाद मिलता है तो न कोई डर रहता है न कोई फिक्र। सबसे पहले बात उस मामले की जिसमें एक एसयूवी और उस पर लगे हूटर को लेकर दो आईएएस चरित्र उछाल रहे हैं। 

मामला यूं कि मध्य प्रदेश राजस्व मंडल के चेयरमैन सीनियर आईएएस अश्विनी कुमार राय की एक टिप्‍पणी मीडिया में वायरल हुई। इस गोपनीय टीप को जिसके लिए लिखा गया है उन्‍हीं आईएएस वीरेंद्र सिंह ने इसे लीक किया है। वीरेंद्र सिंह विभाग में आईएएस अश्विनी कुमार राय के अधीनस्थ अधिकारी हैं। वीरेंद्र सिंह ने अपनी गोपनीय चरित्रावली यानी सीआर को सार्वजनिक करते हुए बताया कि राय ने लिखा है कि सचिव पद पर रहते हुए पर्सनल एसयूवी कार से ऑफिस आते हैं। इस कार पर बड़े अक्षरों में सचिव लिखा है। इनकी गाड़ी में हूटर भी लगा है। इन्हें पद की लालसा है, इसलिए इन्हें 10 में से 2.46 ग्रेडिंग दी जाती है। 

बात तो सही है आईएएस अधिकारी जब खुद यातायात नियमों को तोड़ कर ताकत का प्रदर्शन करेंगे तो सवाल तो उठेंगे ही। मगर जब वीरेंद्र सिंह की बात सुनते हैं तो मामले में झोल नजर आता है। वीरेंद्र सिंह ने कहा है कि उनके पास कोई एसयूवी नहीं है। सरकारी खटारा कार से ऑफिस आता हूं। सीआर में काम का जिक्र न करके वाहनों का जिक्र किया है। वे उल्‍टे अपने सीनियर आईएएस अश्विनी कुमार पर आरोप लगा रहे हैं कि राय काम नहीं करना चाहते है। किसानों के राजस्व मामलों की फाइलें दबा रखी हैं। उच्च न्यायालय में इनके खिलाफ ढेरों अवमानना और जुर्माना के मामले हैं। मैंने इन सबका विरोध किया तो मेरी सीआर बिगाड़ दी।

वे राय पर ही सरकारी पैसे के दुरूपयोग का आरोप लगा रहे हैं कि वे अपने निजी खर्च के लिए मोटी सरकारी राशि का उपयोग कर रहे। अश्विनी कुमार राय ने वीरेंद्र सिंह की एसयूवी का जिक्र किया तो वीरेंद्र सिंह ने सामान्‍य प्रशासन विभाग को शिकायत कर दी कि आईएएस राय को एक वाहन और 60 लीटर की पात्रता है, लेकिन ये दो वाहनों में 120 लीटर डीजल का भुगतान सरकारी खाते से करवाते हैं। 

सचिव वीरेंद्र सिंह के कहने में दम तो लगता है कि साल भर पहले सीआर में 10 में से 10 नंबर देने वाले सीनियर आईएएस अश्विनी कुमार राय ने एक साल बाद ही 10 में से 2.45 अंक क्‍यों दिए? राय तो चुप है लेकिन वीरेंद्र सिंह ने दोनों के कार्यकाल की जांच करवाने की मांग कर डाली है। अब सरकार तय करे कि दो आईएएस के झगड़े में रेफरी बने या मामले को यूं ही पड़ा रहने दे, समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। 
 
हाईपॉवर कनेक्‍शन को हाईकोर्ट का झटका 

आपको आईएएस नेहा मारव्‍या याद है? वही युवा आईएएस नेहा मारव्‍या जिन्‍होंने मुख्‍यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद खुलासा हुआ था नेहा मारव्‍या अपने वरिष्‍ठ अफसरों की नाराजगी की शिकार हुई थी क्‍योंकि उन्‍होंने हाईपॉवर कनेक्‍शन को छेड़ दिया था और उस व्‍यक्ति पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी जो मुख्‍यसचिव का करीबी माना जाता है। 

मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद की अतिरिक्‍त सीईओ रहते हुए आईएएस नेहा मारव्या ने वन विभाग के पीसीसीएफ पद से रिटायर हुए ललित बेलवाल के खिलाफ जांच की थी। इस जांच में पाया गया था कि बेलवाल ने भर्ती में फर्जीवाड़ा कर अपने करीबियों को लाभ पहुंचाया है। नेहा मारव्‍या ने बेलवाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुशंसा कर दी थी. इसके बाद तो नेहा पर जैसे आफत टूट पड़ी। प्रदेश में स्थानीय चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद भी इमरजेंसी में एक मात्र तबादला किया गया और नेहा को राजस्व विभाग में उप सचिव बना दिया गया। 

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खबरें आम हुई कि जिस ललित बेलवाल पर एफआईआर की अनुंशसा की गई थी वे मुख्य सचिव के बेहद करीबी माने जाते हैं। बेलवाल का हाईपॉवर कनेक्‍शन ही है कि वन विभाग में रहते हुए भी 10 सालों से ज्‍यादा समय तक वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में डेप्युटेशन पर रहे। रिटायर होने के बाद उन्हें ओएसडी बना कर नियुक्ति दे दी गई। कांग्रेस सरकार में उनका रसूख जरूर कम हुआ था मगर बीजेपी की सरकार बनते ही वे फिर ताकत में आ गए। 

आज ललित बेलवाल के हाईपॉवर कनेक्‍शन और नेहा मारव्‍या का जिक्र इसलिए कि जबलपुर हाईकोर्ट ने बेलवाल के मामले में याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि आईएएस नेहा मारव्‍या की अनुशंसा पर क्‍या कार्रवाई की गई है? इस सवाल के बाद मामला रोचक हो गया है। या तो नेहा मारव्‍या की रिपोर्ट को खारिज किया जाएगा या बेलवाल का रसूख किनारे कर कार्रवाई की जाएगी।

क्‍या आईएएस की फिल्‍म से डर गई सरकार? 

‘पठान’ फिल्‍म पर उपजे विवाद के बाद मध्‍य प्रदेश कनेक्शन के कारण एक और फिल्‍म चर्चा में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिदायत के बाद इस बार फिल्‍म को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तो नहीं हुई है लेकिन रिटायर्ड आईएएस के खिलाफ एक कदम के कारण अचानक फिल्‍म केंद्र में आ गई है। 

असल में 31 जुलाई 2020 को रिटायर्ड हुए आईएएस रमेश थेटे के खिलाफ लोकायुक्‍त ने मामला दर्ज किया है। आईएएस रमेश थेटे और उनकी पत्नी मंदा थेटे के खिलाफ लोकायुक्त संगठन ने आय से अधिक संपत्ति मामले में एफआईआर दर्ज की हैं। आईएएस रमेश थेटे 2001-2002 में जबलपुर में नगर निगम आयुक्‍त थे। थेटे ने अपनी पत्नी मंदा थेटे के नाम से जबलपुर के अलग-अलग बैकों से करीब 68 लाख रुपए का कर्ज लिया था। उन्होंने यह कर्ज चुका भी दिया लेकिन 2013 में लोकायुक्त संगठन में आर्थिक अनियमितता की जांच शुरू की थी। आय से अधिक संपत्ति पाते हुए अब रमेश थेटे और उनके पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

प्रशासनिक जगत में चर्चा है कि नागुपर में अपना काम कर रहे आईएएस थेटे के खिलाफ लोकायुक्‍त की इस कार्रवाई का कारण कहीं वह फिल्‍म तो नहीं है जिसे थेटे बना रहे हैं। जी हां, रिटायर होने के बाद आईएएस रमेश थेटे ने फिल्म कंपनी बनाई है। इस रमेश थेटे फिल्म्स के तहत वे 'द बैटल ऑफ भीमा कोरेगांव' फिल्‍म बना रहे हैं। इस फिल्‍म के निर्माण के फुल पेज विज्ञापन बड़े अखबारों में दिए गए थे। अब इस फिल्‍म के प्रदर्शन की तैयारी है। सवाल हैं कि क्‍या कोरेगांव की लड़ाई को केंद्र में लाने की कोशिशों की वजह से रमेश थेटे एक बार फिर निशाने पर आए हैं? 

रिटायर्ड होने के बाद नागपुर बस गए आईएएस रमेश थेटे खुद को प्रताडि़त करने आरोप लगाते हुए कहते रहे हैं कि उन्‍हें हर बार जबरन फंसाया जाता है। दलित होने के कारण कलेक्‍टर भी नहीं बनाया गया। हर बार वे बरी हुए हैं और अब फिर बरी होंगे। फिलहाल वे अपनी फिल्‍म के साथ इस केस की तैयारी में जुट गए हैं। 

आईएएस किशोर कान्‍याल की बेटी की शादी हो गई वायरल 

मध्‍य प्रदेश के कुछ आईएएस इनदिनों खबरों में बने हुए हैं। पन्‍ना कलेक्‍टर संजय कुमार मिश्रा बीजेपी सरकार के समर्थन में दिए गए बयान के कारण कांग्रेस के निशाने पर हैं तो मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक मंच से कुछ आईएएस की उनके काम के लिए प्रशंसा कर चुके हैं। अब आईएएस किशोर कान्‍याल अपनी एक पहल के कारण तारीफ पा रहे हैं। 

राज्‍य प्रशासनिक सेवा से आईएएस में पदोन्‍नत हुए किशोर कान्‍याल ग्वालियर नगर निगम में आयुक्त हैं। आईएएस किशोर कान्याल की बेटी दिव्यांशी कान्‍याल की शादी है। विवाह के रिसेप्‍शन के पहले कान्याल परिवार ने ग्‍वालियर शहर के निराश्रितों को एक बड़े होटल में आमंत्रित कर खाना खिलाया। स्वर्ग सदन के निवासी इन निराश्रितों को खाना खिला कर उपहार भी दिए गए।

इस तरह आईएएस किशोर कान्याल की बेटी दिव्यांशी की शादी के इस आयोजन के फोटो वायरल हो गए। इस पहल की प्रशंसा की जा रही है कि प्रदेश के अन्‍य जिलों में पदस्‍थ आईएएस अधिकारियों ने रैन बसेरों व बस्तियों में कंबल वितरण तथा भोजन की व्‍यवस्‍था की पहल की है मगर आईएएस किशोर कान्‍याल ने अपनी बेटी के विवाह समारोह में यह आयोजन कर संवेदशीलता के साथ पेश आए हैं। उन्‍होंने कार्य को पर्सनल टच दे कर सामाजिक चेतना जागृत करने का प्रयास किया है।