करवा चौथ पर बन रहे 6 शुभ संयोग, चंद्रमा पूजन से होगी सौभाग्य की प्राप्ति

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं रखती हैं कार्तिक मास की चतुर्थी पर निर्जला व्रत, चंद्रमा, गणेश और करवा माता की करती हैं पूजा, परस्पर प्रेम और सदभाव बढ़ाता है सुहाग पर्व करवा चौथ

Updated: Oct 22, 2021, 04:49 PM IST

Photo Courtesy: Instagram
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रविवार 24 अक्तूबर को करवा चौथ का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सौभाग्य और आरोग्य के साथ-साथ उनकी तरक्की की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ पर पत्नी अपने पति की मंगलकामना के लिए निराहार रह कर करवा माता और चंद्रमा की पूजा का व्रत रखेंगी।

करवा चौथा का व्रत ज्यादातर सुहागिन महिलाएं  रखती हैं। लेकिन पंजाब में वे लड़कियां जिनकी शादी तय हो गई है, वे भी व्रत रहती हैं और तारों को देखकर व्रत खोल देती है। सुहागन महिलाएं चंद्रोदय पर अर्घ्य देकर कथा सुनने के बाद ही व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति और परिवार की सुख समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती है। इस बार करवा चौथ पर 6 शुभ संयोग बन रहे हैं। कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्थी पर ग्रह-नक्षत्र विशेष स्थिति में होंगे। कार्तिक चतुर्थी की शुरुआत उभयचरी, शंख, शुभकर्तरी, विमल और शश महापुरुष योग में होने जा रही है। वहीं सूर्योदय तुला लग्न में जबकि चंद्रोदय वृष लग्न में होगा। मान्यता है कि ये दोनों शुक्र की राशियां हैं। ये राशियां लोगों के जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और सुदीर्घ जीवन प्रदान करता है। वहीं दिन रविवार है, जबकि भरणी नक्षत्र से प्रजापति नाम का एक और शुभ योग दिनभर रहेगा। ये सभी शुभ संयोग सुहाग पर्व को और अति फलदायक बना रहे हैं।

इस साल रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर चतुर्थी तिथि की शुरूआत होगी। जो कि 25 अक्टूबर सोमवार सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। 24 अक्टूबर को रात 8 बजकर 11 मिनट पर चंद्रोदय होगा। वहीं सुहागिनें शाम को 06:55 से लेकर 08:51 तक शुभ मुहूर्त में पूजन, हवन और कथा कर सकती हैं।

करवा चौथ पर सूर्योदय से पहले स्नान करे, अगर आपके यहां सरगी का रिवाज है तो सरगी के रुप में सूखे मेवे और मिठाई खाएं, पानी पीएं। इसके बाद भगवान श्रीगणेश जी की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। सरगी के बाद से चंद्रमा को अर्घ्य देने तक निर्जला व्रत रखा जाता है। सोहल श्रंगार करें, नए कपड़े, मेंहदी, आल्ता, चूड़ी, बिंदी से खुद को सजाएं। पूजा की चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर, मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें, इसमें दो करवा रखें। फूल, दूब, हल्दी, सिंदूर, अक्षत, धूप, दीप, चंदन, रोली, कलावा, कलश, नारियल, फल, मेवा, मिठाई रखें। घी का दीपक जलाएं। करवा चौथ की पूजा के दौरान माता पार्वती को श्रृंगार का सामान और वस्त्रों चढ़ाएं। पूरे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें। करवा माता की विधिवत पूजा करें, कथा सुनें। चंद्रमा दिखने बाद पूजा कर अर्घ्य दें। करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखें और जलपान ना करें।हवन और आरती करें। फिर चंद्रमा निकलने पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर, चंद्रमा की पूजा करें। फिर पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलें। घर पर बने पकवान का भोग लगाकर बांटे और खुद भी ग्रहण करें।