IND Vs ENG: मैच बचाने के लिए चेन्नई के लोकल के बल्ले का वोकल होना है ज़रूरी

भारतीय टीम इंग्लैंड से अभी भी 321 रन पीछे है, फॉलो ऑन से बचने के लिए भारतीय टीम को 122 रन और बनाने हैं, तीसरे दिन की समाप्ति तक 74 ओवर में भारतीय टीम का स्कोर 257/6 है। अश्विन 54 गेंदों में 8 रन बना कर नाबाद खेल रहे हैं जबकि वॉशिंगटन सुंदर 68 गेंदों में 33 रन पर नॉट आउट हैं।

Publish: Feb 07, 2021, 07:51 PM IST

Photo Courtesy: Sportskeeda
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चेन्नई। चेपॉक में खेला जा रहा मुकाबला तीसरे दिन की समाप्ति पर बेहद ही रोचक मोड़ पर पहुंच गया। ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा की शतकीय साझेदारी और अंत में अश्विन और वॉशिंगटन सुंदर की सधी हुई बल्लेबाज़ी के कारण इंगलिश टीम अब तक मैच पर पूरी तरह से अपनी पकड़ नहीं बना पाई है। तीसरे दिन के खेल की समाप्ति के बाद भारत के लिए यह मैच जीत लेना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। लेकिन अगर भारत इस मैच को किसी भी तरह से ड्रॉ के नतीजे तक ले जाता है तो यह भारतीय टीम की मनोवैज्ञानिक जीत जबकि इंग्लैंड के लिए मनोवैज्ञानिक हार होगी। 

इस मैच को ड्रॉ के नतीजे पर पहुंचाने के लिए चौथे दिन का पहला सेशन सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है। अगर वॉशिंगटन सुंदर और आर अश्विन किसी भी तरह लंच तक क्रीज पर डटे रह जाते हैं, तो भारतीय टीम के लिए इस मैच को ड्रॉ कराने की संभावनाएं ज़्यादा बढ़ जाएंगी। भारत के खाते में अभी भी चार विकेट शेष हैं। पुछल्ले बल्लेबाज़ अगर भारतीय पारी को टी तक ले गए तो कोई करिश्मा ही इस मैच में भारतीय टीम को हरा पाएगा। 

लेकिन इस करिश्मा को होने से रोकने के लिए सबसे पहले भारतीय टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों को चौथे दिन कोई करिश्मा कर के दिखाना है। पूरा दारोमदार अपने होम ग्राउंड पर खेल रहे आर अश्विन और वॉशिंगटन सुंदर पर है। चेन्नई के लोकल के बल्लों का वोकल होना बेहद ज़रूरी है। आर अश्विन और वॉशिंगटन सुंदर दोनों ही बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलिया टूर पर अपनी बल्लेबाज़ी क्षमता का परिचय दे चुके हैं। सिडनी टेस्ट में आर अश्विन की हनुमा विहारी के साथ साझेदारी हो या ब्रिसबेन टेस्ट में शुभमन गिल के साथ वॉशिंगटन सुंदर की पारी हो, दोनों ही खिलाड़ियों के पिछले प्रदर्शन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि इस मैच में भारतीय टीम के लिए अभी भी उम्मीदें बची हुई हैं।

हालांकि चौथे दिन जब बल्लेबाज़ी करने भारतीय टीम उतरेगी तो बल्लेबाज़ों की प्राथमिकता यही होगी कि वे अधिक से अधिक समय क्रीज़ पर बिता सकें। जितना समय भारतीय बल्लेबाज क्रीज़ पर बिताएंगे, उतना ही इंगलैंड के चंगुल से यह मैच दूर होते चले जाएगा। अश्विन और वॉशिंगटन सुंदर के अलावा शाहबाज नदीम भी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। इसके अलावा टेस्ट करियर में 720 रन बनाने वाले ईशांत शर्मा भी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। टेस्ट में एक अर्धशतक भी ईशांत शर्मा के नाम है। 2010 में श्रीलंकाई टीम के खिलाफ नाबाद 31 रन की पारी भी ईशांत शर्मा खेल चुके हैं। इसी साल चंडीगढ़ में खेले गए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर सीरीज के पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में ईशांत शर्मा ने 93 गेंदों में 31 रन बनाए थे। वीवीएस लक्ष्मण के साथ ईशांत की 81 रनों की साझेदारी ने भारतीय टीम को हारा हुआ मैच जिता दिया था। 

कुल मिला कर इस समय भारतीय बल्लेबाजों के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी अधिक से अधिक समय बिताना है, और यही सबसे बड़ी चुनौती भी है। लेकिन अश्विन, सुंदर और ईशांत शर्मा के ट्रैक रिकॉर्ड के कारण चौथे दिन से पहले मैच को लेकर किसी खास भविष्यवाणी पर पहुंचना जल्दबाजी है। हां, भारतीय टीम के लिए इस मैच को जीतने की संभावना ज़रूर शून्य के करीब है। 

चौथे दिन जितना दारोमदार भारतीय टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों पर है, उतना ज़रूरी यह भी है कि इंग्लैंड के गेंदबाज तीसरे दिन के अपेक्षाकृत खराब गेंदबाज़ी करें। इसके साथ ही इंगलिश कप्तान जो रूट की ओर से तीसरे दिन के आखिरी सेशन जैसी कप्तानी होती है, तो ऐसी स्थिति में भारतीय टीम के लिए यह मैच बचाना आसान हो जाएगा।

 तीसरे दिन जब 225 के स्कोर पर ऋषभ पंत का विकेट 6वें विकेट के तौर पर गिरा उस समय भारतीय टीम का 57वां ओवर चल रहा था। इसके बाद अश्विन और सुंदर ने खेल समाप्ति तक 17 ओवर तक बल्लेबाज़ी की। लेकिन इंगलिश टीम के दो फ्रंट लाइन गेंदबाज जॉफ्रा आर्चर और जेम्स एंडरसन को भारतीय टीम को जल्द से जल्द ऑल आउट करने की ज़िम्मेदारी नहीं दी गई। भारतीय टीम के दोनों ओपनर दो आउट करने वाले आर्चर ने भारतीय पारी में महज़ 15 ओवर डाले जबकि एंडरसन को मात्र 11 ओवरों से संतोष करना पड़ा। एंडरसन ने तीसरे दिन अपना आखिरी ओवर भारतीय पारी के 46 वें ओवर में फेंका था। 

इंग्लिश कप्तान जो रूट ने ऐसा निर्णय संभवतः इसलिए लिया था ताकि चौथे दिन जब दोनों गेंदबाज गेंदबाज़ी करने उतरें तो ज़्यादा थके हुए न रहें। क्योंकि अगर भारतीय टीम जल्द ही आउट होती है तो चौथे दिन फॉलो ऑन देने की स्थिति में इंग्लिश गेंदबाजों को फिर से गेंदबाज़ी करनी होगी। लेकिन अगर चेपॉक के मैदान में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को जीतने से रोक दिया तो तीसरे दिन के अंतिम सेशन में रूट का अपने इन दोनों फ्रंटलाइन गेंदबाजों से गेंदबाज़ी न कराने का फैसला भारी पड़ने वाला है।

तीसरे दिन की समाप्ति तक भारतीय टीम की पारी के 74 ओवर पूरे हुए हैं। लिहाज़ा चौथे दिन पहले 6 ओवरों के बीतते ही इंगलिश गेंदबाजों के पास नई गेंद उपलब्ध हो जाएगी। जिस वजह से पुछल्ले बल्लेबाज़ों के लिए एंडरसन और आर्चर को खेलना और भी चुनौतीपूर्ण रहेगा। 

भारतीय टीम आज अगर फॉलो ऑन नहीं बचा पाती है तब भी एक संभावना और है जो भारतीय टीम को मैच हारने से बचा सकती है। अगर इंगलिश टीम भारत को फॉलो ऑन न देकर खुद बल्लेबाज़ी करने उतर जाए, जिसकी संभावना कम ही है। लेकिन अगर ऐसा होता है तो इसका मतलब यह होगा कि मैदान में अधिक से अधिक इंगलैंड टीम का वक्त ज़ाया होगा। चाहे भारत के पुछल्ले बल्लेबाज़ अपनी बल्लेबाज़ी से इंगलैंड का वक्त ज़ाया करें या फॉलो ऑन बचा पाने या न बचा पाने की दोनों में से किसी भी एक स्थिति में इंगलिश टीम चौथे दिन दोबारा बल्लेबाज़ी करने मैदान में उतर जाए तो वक्त का यही ज़ाया होना भारतीय टीम के ऊपर मंडरा रहा हार का साया हर लेगी।