शादी के 19 साल बाद पिता बनने की खुशी नहीं देख पाए शहीद किशोर एंड्रीक

अपने भाई और तीन साथियों की जान बचाने वाले किशोर एंड्रीक शादी के 19 साल बाद बनने वाले थे पिता, बच्चे का मुंह देखने से पहले हुए शहीद

Updated: Apr 07, 2021, 07:22 AM IST

Photo courtesy: twitter
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों की मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए हैं। वहीं 31 जवान घायल हैं। शनिवार 3 अप्रैल को नक्सलियों को छूल चटाने वाले वीर जवानों में एक जवान जल्द ही पिता बनने वाले थे। लेकिन बच्चे का चेहरा देखने से पहले उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। शहीद जवान का नाम किशोर एंड्रीक था।

बीजापुर के चेरपाल ग्राम पंचायत के निवासी किशोर की शादी साल 2002 में रिंकी से हुई थी। शादी के 19 साल बाद भी दोनों की कोई संतान नहीं थी। चार महीने पहले ही रिंकी गर्भवती हुई, तो मानें घर में खुशियों की बारिश हो गई। लेकिन यह खुशियां चंद महीने में ही काफूर हो गईं। जब पिता बनने से पहले ही किशोर देश सेवा में शहीद हो गए।

किशोर की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। इस मिशन पर उनके साथ उनके एक भाई हेमंत भी थे। बीजापुर के जोनागुड़ा में नक्सलियों से लोहा लेते हुए प्रत्यक्षदर्शी जवानों का कहना है कि शहादत से पहले किशोर ने अपने तीन घायल साथियों और भाई को सुरक्षित बचाने का काम किया। तीनों को फायरिंग के बीच से निकालकर सुरक्षित स्थान पर बैठाया और पानी पिलाया। फिर नक्सलियों से मुकाबला करने में जुट गए। एक टीम में किशोर नक्सलियों से लोहा ले रहे थे।

दूसरी टीम में उनके भाई हेमंत भी नक्सलियों से दो-दो हाथ कर रहे थे। उन्होंने अपनी जान का परवाह नहीं करते हुए अपने भाई को भी बचाया। शनिवार को जिस वक्त किशोर नक्सलियों से लोहा ले रहे थे, उसी समय उनके भाई हेमंत एंड्रीक भी नक्सलियों से लड़ रहे थे। तभी एक गोली किशोर को चीरते हुए निकली और वे शहीद हो गए।

किशोर एंड्रीक बीजापुर के चेरपाल ग्राम पंचायत के रहने वाले थे। रविवार को किशोर का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग उमड़े। किशोर को मुखाग्नि उनके भाई हेमंत ने ही दी।किशोर की दास्तान सुनकर लोगों के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। उनकी पत्नी और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।