Chhattisgarh New Scheme: कुपोषण के खिलाफ भूपेश सरकार की नई पहल, 1 नवंबर से बंटेगा फोर्टिफाइड चावल
Fortified Rice: आयरन और विटामिन से भरपूर होगा फोर्टिफाइड चावल, कोंडागांव में 1 नवंबर से होगा योजना का शुभारंभ

रायपुर। छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने के संकल्प में मिली सफलता के बाद अब सरकार फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना शुरु कर रही है। एक नवंबर को छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के मौके पर फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना का आगाज होगा। इस योजना के तहत बच्चों को फोर्टिफाइड चावल वितरित किया जाएगा। भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी और कुपोषण नियंत्रण करने के लिए फोर्टिफाइड चावल बांटने की अनोखी योजना शुरु होने जा रही है।
कांग्रेस ने कुपोषण से मुक्ति का अपना वचन निभाया है। दृढ़-संकल्प से हर कठिनाई से पार पाकर बच्चों को कुपोषण से बचाया है। pic.twitter.com/ff3V3F1hbw
— Congress (@INCIndia) October 20, 2020
चावल में होगा आयरन, फॉलिक एसिड और विटामिन बी
आपको बता दें कि फोर्टिफाइड चावल में आयरन, विटामिन बी-12 और फॉलिक एसिड जैसे ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं। जिससे कुपोषण दूर करने में मदद मिलती है। सरकार को उम्मीद है कि इसके उपयोग से बच्चों में कुपोषण और एनीमिया को दूर किया जा सकेगा।
कोंडागांव से शुरू होगी योजना
फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना की शुरुआत कोंडागांव जिले से होगी। यहां पीडीएस याने सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना के तहत यह चावल बांटा जाएगा। फोर्टिफाइड चावल तैयार करने का काम दो चावल मिलों को सौंपा गया है। दोनों राइस मिल्स ‘राइस ब्लेडिंग’ का कार्य करने में जुटी है। गौरतलब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साल 2020-21 के बजट भाषण में इस योजना का ऐलान किया था। सरकार ने इसके लिए पांच करोड़ 80 लाख रुपये का बजट भी रखा है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुपोषण दूर करने के लिए पूरक पोषण आहार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिनमें मुख्यमंत्री अमृत योजना, बाल संदर्भ योजना, महतारी जतन योजना, सबला योजना जिसमें 0 से 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती और शिशुवती माताओं के साथ स्कूल त्यागी किशोरी बच्चियों को फायदा मिल रह है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में रजिस्टर्ड बच्चों और गर्भवती महिलाओं को गर्म खाना खिलाया जाता है। छोटे बच्चों की मांओं, छह माह से तीन साल के बच्चों समेत 11 से 14 साल की स्कूल ड्रॉप आउट किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन दिया जाता है, जो कि रेडी टू इट होता है।
अब तक 67 हजार से ज्यादा बच्चे हुए कुपोषण मुक्त
छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से 67 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं। प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या में 13.79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। योजना की शुरुआत में करीब 4 लाख 92 हजार बच्चे कुपोषित थे। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे, जबकि 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया यानी खून की कमी से पीड़ित थीं। छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत दो अक्टूबर 2019 को हुई थी।