बढ़ती मंहगाई पर काबू पाने के लिए RBI ने फिर बढ़ाई रेपो दर, 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोत्तरी

आरबीआई ने मई में मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर में 40 बेसिस पॉइंट की बढ़ोत्तरी की थी और आज मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद रेपो दर में 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोत्तरी की गई है। आरबीआई का ये कदम अर्थव्यवस्था में तरलता को घटाने वाला और क्रेडिट फ्लो को नियंत्रित करने के लिए है।

Updated: Jun 08, 2022, 07:58 AM IST

Image Courtesy : The Hindu
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को संपन्न हुई। बढ़ती मुद्रास्फीति दर यानि महंगाई पर काबू पाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोत्तरी की है। अब रेपो दर 4.90 फीसदी हो गया है। रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक द्वारा अन्य बैंकों को कर्ज दिया जाता है। रेपो दर के बढ़ने से बैंकों से कर्ज लेना, ईएमआई ओर महंगी हो जाएगी। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 4 मई को रेपो दर 40 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 4.40 फीसदी हो गई थी।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रा स्फीति दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान हैं। आरबीआई मुद्रा स्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहा है, मुद्रा स्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है। हाल ही में टमाटर और कच्चे तेल के दामों में उछाल से मुद्रा स्फीति बढ़ी है।

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दास ने कहा कि हमने विकास की जरूरत को ध्यान में रखते हुए, मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के लिए अपनी नीतियों को पहले प्राथमिकता दी है। अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर पिछले 8 साल के उच्चतम स्तर यानि 7.79 फीसदी रही है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है।

रेपो दर में बढ़ोत्तरी के साथ ही एसडीएफ दर 4.65 फीसदी, एमएसएफ और बैंक दर 5.15 फीसदी हो गई।

रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में बढ़ोत्तरी के बाद घरेलू शेयर बाजार में उछाल देखा गया। बीएसई सेंसेक्स में 200 अंकों की तेजी देखी गई वहीं निफ्टी 16450 अंकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।