मलयालम फिल्म जल्लीकट्टू की ऑस्कर में एंट्री

भारत की ओर से जल्लीकट्टू को 93वें एकेडमी अवार्ड्स में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी के लिए नॉमिनेट किया गया है

Updated: Nov 25, 2020, 10:10 PM IST

Photo Courtesy : The Economic Times
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नई दिल्ली। भारत ने 93वें ऑस्कर एकेडमी अवार्ड्स के लिए मलयालम फिल्म जल्लीकट्टू को नॉमिनेट किया है। इस फिल्म को ऑस्कर में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म की कैटेगरी में भारत की ओर से भेजा जाएगा। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की 14 सदस्यों की एक कमेटी ने डायरेक्टर लिजो जोस पेलीसरी की इस फिल्म को चुना है। जल्लीकट्‌टू बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।

भारत की ओर से 93वें एकेडमी अवॉर्ड्स में भेजने के लिए हिंदी, उड़िया, मराठी और अन्य भाषाओं की कुल 27 फिल्में रेस में थी। इनमें शूजित सरकार की गुलाबो सिताबो, सफदर रहना की चिप्पा, हंसल मेहता की छलांग, चैतन्य ताम्हणे की द डिसाइपल, विधु विनोद चोपड़ा की शिकारा, अनंत महादेवन की बिटरस्वीट, रोहेना गगेरा की इज लव इनफ सर, गीतू मोहनदास की मूथॉन, नीला माधब पांडा की कलिरा अतिता, अनविता दत्त की बुलबुल, हार्दिक मेहता की कामयाब और सत्यांशु-देवांशु की चिंटू का बर्थडे भी शामिल थी।

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जल्लीकट्टू एक ड्रामा थ्रिलर फिल्म है और देश दुनिया में इस फिल्म की खूब तारीफें हुई है। 63 वें बीएफआई लंदन फिल्म फेस्टिवल में 78 देशों से 229 फिल्मों को शामिल किया गया था। इसी फेस्टिवल में जल्लीकट्टू की भी स्क्रीनिंग हुई थी। यह फिल्म एस हरीश और आर जयकुमार की किताब माओइिस्ट पर आधारित है। फिल्म में इंसान और जानवरों के बीच भावनात्मक जुड़ाव को बखूबी दिखाया गया है। लिजो जोस पेल्लीसेरी ने फिल्म का निर्देशन किया है वहीं ओ थॉमस पेनिक इस फ़िल्म के निर्देशक हैं।

क्या है जल्लीकट्टू फिल्म की कहानी

ऑस्कर के लिए भेजी गई जल्लीकट्टू केरल के इडुक्की जिले के विवादित खेल जल्लीकट्‌टू पर आधारित है। जिसमें एक बैल को मारने से पहले भीड़ के बीच छोड़ दिया जाता है। फिल्म में वार्के और एंटनी नाम के किरदार कसाई खाना चलाते है, जहां पर भैंसों को मारकर बेचा जाता है। एक रात एक भैंस वहां से गायब हो जाती है और गांव में घुसकर हुडदंग मचाने लगती है। गांववाले स्थिति को काबू में करने के लिए एक्स स्टाफ मेंबर की मदद मांगते हैं। ये सदस्य एक शिकार करने वाली बंदूक के साथ गांव में पहुंचता है जो एंटनी को बिल्कुल पसंद नहीं आता है।

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फॉरेन लैंग्वेज में भारत को अबतक नहीं मिली है ऑस्कर

बता दें कि भारत के किसी भी फिल्म को फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में अबतक ऑस्कर नहीं मिली है। साल 2019 में जोया अख्तर की गली बॉय को 2020 के लिए हुए 92वें एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए आधिकारिक तौर पर चुना गया था। इसके पहले रीमा दास की विलेज रॉकस्टार्स, अमित मसुरकर की न्यूटन, वेट्री मारन की विसारानई और चैतन्य ताम्हणे की कोर्ट भी फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भेजी जा चुकी है। हालांकि अभी तक इस कैटेगरी में किसी भी फिल्म ने जीत हासिल नहीं कि है।