सीहोर: किसानों को नहीं मिल रहे टमाटर के दाम, सड़क पर टमाटर फेंकने पर मजबूर हुए किसान

सीएम के गृह जिले में टमाटर के किसान सुना रहे आपबीती, टमाटर के भाव न मिलने के कारण किसान टमाटर को सड़कों पर फेंक रहे हैं

Updated: Apr 14, 2021, 11:47 AM IST

सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में इन दिनों टमाटर के किसानों पर बड़ी मुसीबत आन पड़ी है। सीहोर के शाहगंज की सड़कें इस समय टमाटर से लाल हो रही हैं। इसके पीछे वजह यह है कि किसानों को टमाटर के सही दाम नहीं मिल रहे हैं। जिस वजह से किसान टमाटरों को सड़क पर फेंक रहे हैं।

शाहगंज में इस साल टमाटर की बंपर पैदावार हुई है। लेकिन आमोन और किब्लाझिर गांव के किसान अपने टमाटर पशुओं के लिए सड़क पर फेंकने के लिए मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें 22 किलोग्राम कैरट पर महज़ 40 रुपए मिल रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप किसानों की लागत, कीटनाशक और बीज के दाम भी नहीं निकल पा रहे हैं। यही वजह है कि किसान टमाटर सड़क पर फेंक रहे हैं ताकि कम से कम यह पशुओं के काम आ सके। 

दरअसल टमाटर की फसल तैयार होने के बाद उसे तोड़ना ज़रूरी होता है। तोड़ने के बाद दो दिन से ज़्यादा टमाटर को रखा नहीं जा सकता। इस दौरान ग्राहक न मिलने की वजह से टमाटर खराब हो जाता है।

किसानों का कहना है कि यह लगातार दूसरा साल है जब उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते साल लॉकडाउन होने के चलते बाहर से व्यापारी नहीं आ सके थे। इस साल भी व्यापारी नहीं आ रहे हैं।