सर्वाइकल कैंसर से हर दो मिनट में होती है एक महिला की मौत, पुरुषों ने लंग्स कैंसर के सर्वाधिक मामले

कैंसर लगभग सभी उम्र वालों में इसका खतरा देखा जाता रहा है। महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे कॉमन हैं, जबकि पुरुषों में लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते रहे हैं।

Updated: Nov 18, 2023, 02:55 PM IST

कैंसर लगभग सभी उम्र वालों में इसका खतरा देखा जाता रहा है। महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे कॉमन हैं, जबकि पुरुषों में लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते रहे हैं।

कैंसर दुनियाभर में होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। लगभग सभी उम्र वालों में इसका खतरा देखा जाता रहा है। महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे कॉमन हैं, जबकि पुरुषों में लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक कैंसर के कारण साल 2022 में आठ लाख लोगों की जान गई।

पिछले साल 14.61 लाख से अधिक लोगों में कैंसर का पता चला, 2020 जुलाई से 2023 तक में 69,000 मामलों में वृद्धि हुई है। हाल ही में द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में इसके बढ़ते खतरे को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार भारत के साथ-साथ सात देशों में तंबाकू से होने वाले कैंसर के कारण हर साल 13 लाख से अधिक लोगों की जान चली जाती है। ये आंकड़े सात देशों- भारत, चीन, ब्रिटेन, ब्राजील, रूस, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के हैं, जहां हर साल कैंसर से होने वाली मौतों के आधे से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

वहीं, कई शोधकर्ता धूम्रपान को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़कर देख रहे है, कैंसर भी उनमें से एक है। भारत में धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो कई प्रकार के कैंसर और इसके कारण होने वाली मृत्यु का जोखिम कारक हो सकती है।

वहीं, धूम्रपान के साथ साथ तीन अन्य जोखिम कारक वस्तुओं के सेवन से भी कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। जिनमे शराब, मोटापा, और ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण शामिल है। इनके कारण संयुक्त रूप से साल में लगभग दो मिलियन (20 लाख) लोगों की मौत हो जाती है।

महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे ज्यादा देखे जाते रहे हैं। वहीं हर साल 70 वर्ष से कम उम्र की लगभग 300,000 महिलाएं लंग्स कैंसर और 1.60 लाख महिलाएं कोलोरेक्टल कैंसर के कारण मौत का शिकार होती हैं। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, महिलाओं को 40 वर्ष की आयु के बाद से हर साल वार्षिक मैमोग्राम कराना चाहिए। स्तन कैंसर के उच्च जोखिम वाली महिलाओं को पहले से ही जांच शुरू करने की आवश्यकता हो सकती है। 30 साल की उम्र तक अपने जोखिम के बारे में डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है, जल्दी निदान हो जाने से रोग के गंभीर स्थिति में पहुंचने का खतरा और इसके कारण मृत्यु के जोखिम को कम किया जा सकता है।

क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जूडिथ ऑफमैन का कहना हैं कि "दुनियाभर के देशों में इन जोखिम कारकों और कैंसर से मृत्यु का खतरा बढ़ रहा है। विश्व स्तर पर, सर्वाइकल कैंसर से हर दो मिनट में एक की मृत्यु हो जाती है। इनमें से लगभग 90 प्रतिशत मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रिपोर्ट की जाती हैं। जांच और एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रमों में अगर तेजी लाई जाए तो इसके खतरे को काफी कम किया जा सकता है।