जो देश शांति चाहता है, वह आतंकियों को शरण नहीं देता: UN में भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के पहले सचिव मिजिटो विनिटो ने कश्मीर मुद्दे पर शहबाज शरीफ के दावों को झूठा करार देते हुए कहा कि पड़ोसियों के साथ शांति चाहने वाला देश कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा।

Updated: Sep 24, 2022, 05:53 AM IST

जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के बयान पर भारत ने करारा पलटवार किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के पहले सचिव मिजिटो विनिटो ने कश्मीर मुद्दे पर शहबाज शरीफ के दावों को झूठा करार दिया और इस्लामाबाद पर क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म में शामिल होने का आरोप लगाया। मिजिटो ने कहा कि जो देश शांति चाहता है, वह आतंकियों को शरण नहीं देता।

UNGA में भारत के जवाब के अधिकार का प्रयोग करते हुए प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने कहा, 'एक देश जो दावा करता है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा और न ही मुंबई आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगा। शांति की बात करके आतंकवाद फैलाना आपका काम है।'

विनिटो ने कहा, 'यह खेदजनक है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए इस प्रतिष्ठित सभा का मंच चुना है। उन्होंने अपने ही देश के उन गलत कामों को छिपाने के लिए ऐसा किया है, जिन्हें दुनिया अस्वीकार्य मानती है। एक राजनीति जो दावा करती है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहती है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगी, न ही भयानक मुंबई आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगी। वह केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में अपने अस्तित्व का खुलासा करेगी।'

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विनिटो ने दृढ़ता के साथ भारत के रुख को दोहराया कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है। पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई परिवारों की लड़कियों के अपहरण और शादी की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए भारत ने कहा कि यह विडंबना है कि जिस देश ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है, वह वैश्विक मंच पर अल्पसंख्यकों के बारे में बोल रहा है।

दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को UNGA में कहा था कि हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहते हैं, लेकिन दक्षिण एशिया में स्थायी शांति व स्थिरता कश्मीर मुद्दे के उचित समाधान पर निर्भर करती है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बदलने के लिए 5 अगस्त, 2019 को भारत के अवैध और एकतरफा कदम ने शांति की संभावनाओं को और कमतर किया है और क्षेत्रीय तनाव को भड़काया है।