भारत में मुस्लिम होना बन गया है अपराध, अमेरिकी सांसद ने मोदी सरकार पर लगाया अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप

अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने विभिन्न मुद्दों पर भारत को दिए जा रहे समर्थन पर सवाल उठाए, सांसद ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपनी चुप्पी तोड़ने का भी आह्वान किया है

Updated: Apr 08, 2022, 03:16 AM IST

Photo Courtesy: APNews.com
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नई दिल्ली। अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने भारत की मौजूदा सरकार को अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया है। इल्हान उमर ने अमेरिकी संसद में कहा कि भारत में मुस्लिमों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में भारत सरकार के इस रवैए को लेकर अमेरिका ने चुप्पी क्यों बनाई हुई है? इसके साथ ही उमर ने अमेरिका की तरफ से विभिन्न मसलों पर मिल रहे भारत के समर्थन को लेकर भी सवाल खड़े किए। 

उमर ने संसद में अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत में इस वक्त मुस्लिम होना अपराध बना दिया गया है। भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं। मोदी प्रशासन मुस्लिमों के खिलाफ़ कार्रवाई कर रहा है। जिसके विरुद्ध हमें अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। उमर ने अमेरिकी उपविदेश मंत्री से सदन में सवाल किया कि मुस्लिमों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की बाहरी तौर पर आलोचना करने के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए? 

इतना ही नहीं उमर की इन टिप्पणियों पर अमेरिकी उपविदेश मंत्री शेरमन ने भी आंशिक तौर पर अपनी सहमति प्रदान की। शेरमन ने भारत की मौजूदा सरकार पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप तो नहीं लगाया लेकिन उन्होंने यह ज़रूर कहा कि बाइडेन प्रशासन को इस दुनिया के हर नस्ल, जात और धर्म के समर्थन में खड़ा होना चाहिए। 

इल्हान उमर ने संसद में अपनी बात रखने के अलावा अपने ट्विटर हैंडल पर भी मोदी सरकार के रवैए को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन की चुप्पी पर सवाल खड़े किए। उमर ने कहा कि बाइडेन प्रशासन मोदी सरकार की आलोचना करने से इतना बच बच कर क्यों चलता है? 

इल्हान उमर का यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बयान के वायरल होने के बाद भारत के भी लोग इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक पक्ष इल्हान उमर के इस बयान से पूर्ण रूप से सहमति रखता है, जबकि दूसरे धड़ा इसे मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दे रहा है। हालांकि खुद भारत के विपक्षी राजनीतिक दल मोदी सरकार पर दलितों और मुस्लिमों के विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। भारत के विभिन्न बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों पर मुस्लिमों के खिलाफ द्वेष की भावना से कार्रवाई करने के आरोप भी लगते रहे हैं।