जस्टिन ट्रूडो किसानों के समर्थन पर कायम, कहा-कनाडा हमेशा मानवाधिकारों के साथ

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा के पीएम को भारत के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए, आपसी रिश्तों पर बुरा असर पड़ेगा

Updated: Dec 05, 2020, 10:29 PM IST

Photo Courtesy : News18
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नई दिल्ली। मोदी सरकार केे विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ भारत में चल रहे आंदोलन के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर से किसानों को समर्थन करने की बात कही है। भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा उनके पुराने बयान पर आपत्ति जताने के बावजूद ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा हमेशा मानवाधिकारों के लिए खड़ा रहेगा। 

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दूसरी बार कहा है कि भारतीय किसान अपने अधिकारों के लिए शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं और हम इस प्रदर्शन का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, 'हम भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर नजर बनाए हुए हैं। हम खुश हैं कि किसानों के साथ भारत की सरकार बातचीत कर रही है और तनाव कम करने की कोशिश की जा रही है। कनाडा हमेशा मानवाधिकारों के लिए खड़ा रहेगा।'

इससे पहले कल ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने पीएम जस्टिन ट्रूडो और उनके कैबिनेट मंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों को लेकर कनाडा के उच्चायुक्त को तलब करके नाराज़गी जाहिर की थी। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत इन बयानों को अपने आंतरिक मामलों में दखलंदाजी मानता है। सरकार ने सख्त लहजे में कहा था अपने आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि अगर यह जारी रहा तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को 'गंभीर रूप से क्षति' पहुंचेगी।

भारत का कहना है कि किसानों के मुददे पर कनाडा के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी की वजह से कनाडा में हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के सामने चरमपंथी संगठनों की सभाएं हो रही हैं, जिनसे उनकी सुरक्षा पर  भी सवाल खड़ा होता है।

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बता दें कि हाल ही में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि भारत में हालात चिंताजनक हैं। इसके साथ ही ट्रुडो ने कहा था कि चूँकि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हर नागरिक का अधिकार है, लिहाज़ा उनकी सरकार किसानों के इस आंदोलन का समर्थन करती है। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया था।