भारत ने खारिज की धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट

भारत सरकार ने report खारिज करते हुए कहा कि किसी भी विदेशी सरकार को उसके नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर फैसला लेने का कोई हक नहीं है।

Publish: Jun 13, 2020, 08:42 AM IST

Photo courtesy : india today
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अमेरिका ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर फिर चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में दुनियाभर में धार्मिक आजादी के उल्लंघन की प्रमुख घटनाओं का जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है, भारतीय जनता पार्टी सहित हिंदू- बहुसंख्यक दलों के कुछ अधिकारियों ने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट या सार्वजनिक टिप्पणी की। रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार ने इसे सिरे से खारिज कहा कि किसी भी विदेशी सरकार को उसके नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की स्थिति पर फैसला लेने का कोई हक नहीं है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार रिपोर्ट में अमेरिकी सरकार ने भारत के खंड धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करने और सत्ता और विपक्षी दलों, नागरिक समाज और धार्मिक स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं और धार्मिक नेताओं से संबंधित सहिष्णुता और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया है।

रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में, धार्मिक अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रता के राजदूत ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक में सांप्रदायिक हिंसा सहित धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव पर चिंता जताई थी।

इसके साथ ही रिपोर्ट में पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनना और संसद से नागरिकता संशोधन कानून का पास होने का भी जिक्र है।

इस मामले पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह अमेरिकी संसद की विधायी आवश्यकता के लिए निकाला जाने वाला अमेरिका का आंतरिक दस्तावेज है। भारतीय नागरिकों के संविधान प्रदत्त अधिकारों ने बारे में किसी विदेशी संस्था को कोई हक नहीं है।