चोकसी के वकील का दावा, एंटीगुआ से डोमिनिका जबरन ले जाया गया था मेहुल चोकसी, शरीर पर हैं चोट के निशान

डोमिनिका के सुप्रीम कोर्ट ने मेहुल चोकसी को किसी दूसरे देश भेजने पर रोक लगा दी है, चोकसी के वकीलों ने डोमिनिका के कोर्ट में याचिका दाखिल की है

Publish: May 28, 2021, 03:05 AM IST

Photo Courtesy: The Economic Times
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नई दिल्ली। भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी एंटीगुआ से डोमिनिका भागा नहीं था बल्कि उसे जबरन एंटीगुआ से उठाकर डोमिनिका ले जाया गया था। इस बात का दावा चोकसी के वकीलों ने किया है। जबरन उठाए जाने के दावे की पुष्टि करने के लिए वकीलों ने चोकसी के शरीर पर चोट के निशान का हवाला दिया है। वकीलों का कहना है कि चोकसी को टॉर्चर कर डोमिनिका ले जाया गया था। 

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भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी के एंटीगुआ से लापता होने के बाद लगातार उसकी तलाश जारी थी। सभी को शक था कि मेहुल चोकसी एंटीगुआ में उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के डर से क्यूबा भाग सकता है। लेकिन उसके क्यूबा पहुंचने से पहले ही डोमिनिका में ही गिरफ्तार कर लिया गया। 

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मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउने ने कहा कि उनकी सरकार डोमिनिका की सरकार और भारतीय उच्चायुक्त से लगातार संपर्क में है, ताकि चोकसी को डोमिनिका से सीधे भारत ही भेजा जा सके। अब चोकसी के वकीलों ने डोमिनिका की एक कोर्ट में हीबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी है। जिसके तहत मेहुल चोकसी को खुद कोर्ट के समक्ष पेश होना होगा। वहीं दूसरी तरफ डोमिनिका के सुप्रीम कोर्ट ने भी चोकसी को किसी दूसरे देश भेजे जाने पद रोक लगा दी है।