Vice Presidential Debate: कमला हैरिस और माइक पेंस के बीच कोरोना और स्वास्थ्य सेवाओं पर जमकर हुई बहस, जानिए डिबेट की पांच अहम बातें

US Election 2020: अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद के दोनों ही उम्मीदवार कई सवालों से बचते नजर आए, कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी और माइक पेंस रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी हैं

Updated: Oct 08, 2020, 07:14 PM IST

Photo Courtesy: The Guardian
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों कमला हैरिस और माइक पेंस के बीच बीती रात डिबेट हुई। इस डिबेट में कोरोना वायरस खतरे का मुद्दा छाया रहा। ट्रंप और जो बाइडेन के बीच हुई पहली राष्ट्रपति डिबेट के मुकाबले यह डिबेट शांत और शालीन रही। दोनों ही उम्मीदवारों ने कुछ मुश्किल सवाल उठाए, कुछ जरूरी जवाब दिए और कुछ सवालों का जवाब देने से बचते नजर आए। हम यहां आपको डिबेट के पांच मुख्य पहलुओं की सक्षेप में जानकारी दे रहे हैं। 

हैरिस ने कोरोना वायरस को लेकर ट्रंप प्रशासन पर निशाना साधा

जैसा कि अनुमान था कमला हैरिस ने पहला सवाल कोरोना महामारी पर ही किया। हैरिस ने अमेरिका में कोरोना वायरस के मामलों और मौतों की संख्या का बार-बार जिक्र किया। कोरोना महामारी के कारण उपजी बेरोजगारी पर भी हैरिस ने देश का ध्यान खींचा। हैरिस ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन जनवरी में ही कोरोना वायरस के खतरे के बारे में जानता था, लेकिन जानबूझकर खतरे को कम करके पेश किया गया। 

हैरिस ने कहा, "अमेरिकी लोगों ने वो देखा है, जिसे देश के इतिहास में प्रशासनिक विफलता के सबसे बड़े उदाहरण के तौर पर देखा जा रहा है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी लोगों के वोट देने के अधिकार को सीमित कर दिया है।"

अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस इन सवालों पर कोई ढंग का जवाब नहीं दे पाए। 

स्वास्थ्य का मुद्दा

पिछली रात को हुई वाइस प्रेजिडेंसियल डिबेट का एक मुख्य मुद्दा अमेरिका की स्वास्थ्य सेवाएं रहीं। हैरिस ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर ट्रंप प्रशासन के इरादे अच्छे नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ओबामा केयर को खत्म करना चाहते हैं। 

ओबामा केयर स्वास्थ्य कंपनियों को उन मरीजों का इलाज ना करने से रोकता है, जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी है। हैरिस ने कहा कि अगर आपको पहले से ही कोई बीमारी है जैसे हृदय संबंधी, डायबटीज और स्तन कैंसर, तो ट्रंप प्रशासन सस्ती कीमत पर आपका इलाज पाने का अधिकार छीनने जा रहा है। 

हालांकि, माइक पेंस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ऐसे लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं देने की योजना बना रहा, जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी है। ट्रंप पिछले चार सालों से इस योजना की बात कर रहे हैं। हालांकि, इस संबंध में कुछ ठोस अभी तक सामने नहीं आया है। 


हैरिस को बोलने से रोक नहीं पाए पेंस

डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच हुई पहली प्रेजिडेंसियल डिबेट में ट्रंप ने बाइडेन को 71 बार टोका था। हालांकि, पेंस ऐसा नहीं कर पाए। इसका कारण यह रहा कि हैरिस पहले से इसके लिए तैयार थीं और जैसे ही शुरुआत में पेंस ने हैरिस को टोकने की कोशिश की, वैसे ही हैरिस ने कहा कि उनकी बात पूरी नहीं हुई है। हैरिस के बार-बार ऐसा करने पर पेंस ने उन्हें टोकना बंद कर दिया। 

 

हैरिस की इस बेबाकी और कॉन्फिडेंस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

पेंस ने जरूरत से ज्यादा वक्त लिया

वाइस प्रेजिडेंसियल डिबेट में दोनों प्रतिद्वंदियों ने एक दूसरे को अधिक नहीं टोका। लेकिन माइक पेंस ने अपनी बात रखने के लिए उन्हें मिले समय से ज्यादा वक्त का इस्तेमाल किया। इतना कि डिबेट की मॉडरेटर ने उन्हें बार-बार इसका ध्यान दिलाया। 

हालांकि, लोगों का मानना है कि डिबेट की मॉडरेटर सूजेन पेज को कड़ा रवैया अख्तियार करना था। प्रेजिडेंसियल डिबेट में भी मॉडरेटर क्रिस वॉलेस ने इसी तरह का ढीला रवैया अपनाया था, जिसे लेकर उनकी काफी आलोचना हुई थी।

दोनों उम्मीदवार सवालों से बचते नजर आए

डिबेट के दौरान दोनों ही उम्मीदवारों ने कुछ सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। दोनों ने कुछ सवालों को पूरा सुने बगैर ही पहले से तैयार जवाब देने शुरू कर दिए। दोनों ने ही ट्रंप और बाइडेन की उम्र और उनके बीमार पड़ जाने पर आगे की योजना को लेकर किए गए सवालों का जवाब नहीं दिया। ट्रंप के कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बाद यह सवाल पहले से ज्यादा अहम हो गया है। 

हैरिस ने उस सवाल का भी जवाब नहीं दिया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या मौका मिलने पर बाइडेन प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में उदारवादी न्यायाधीशों की अधिक नियुक्ति करेगा। 

वहीं पेंस से पूछा गया कि ऐसी क्या वजह है कि अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की दर पूरी दुनिया में सबसे अधिक है। पेंस ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया। पेंस ने ट्रंप की तरह हार नहीं स्वीकारने की बात नहीं मानी।